Esports और गेमिंग मार्केट आज के समय में पूरी तरह से बदल चुकी है , जैसे-जैसे इंडस्ट्री में टेक्नॉलजी
बढ़ती जा रही है वैसे ही और भी ज्यादा gamers भी बढ़ते जा रहे है वो भी अलग-अलग devices पर |
भारत की अर्थव्यवस्था की प्रकृति के कारण इसे esports के लिए सबसी बड़ी मार्केट माना जाता है
क्यूंकि ये कई नागरिकों के लिए एक महंगा शौक बन गया है | स्टीम और एपिक जैसी कई बड़ी कॉम्पनियों
ने बड़े पैमाने पर आबादी को लाभ पहुँचाने के लिए क्षेत्रीय मूल्य जैसे कई mechanism को लागू भी किया है |
2026 तक भारत बन सकता है सबसे बड़ा मार्केट
जबसे भारत में मोबाईल गेम्स आई है गेमिंग की दुनिया में और भी वृद्धि हुई है और तो और क्यूंकि
ज्यादातर गेमिंग टाइटल मोबाईल में मुफ़्त में उपलब्ध है इसलिए भारत में गेमिंग काफी विकसित हो
रही है | इस देश में esports और गेमिंग बाजार में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है
और रिवेन्यू के मामले में भी इस क्षेत्र में अगली बड़ी चीज बनने की क्षमता है | निको पार्टनर्स की स्टडी
के मुताबिक उन्होंने ये अनुमान लगाया है की 2026 तक क्या हो सकता है , हालांकि कोई भी भविष्य
नहीं देख सकता पर निको पार्टनर्स वित्त और विश्लेषण में जाना-माना नाम है |
अभी देश में है तकनीकी चुनौतियां
क्यूंकि भारत की आबादी काफी ज्यादा है इसलिए भारत गेमिंग मार्केट के लिए काफी फायदेमंद हो
सकता है , प्लेयर्स के आधार पर इस मामले में चीन दूसरे स्थान पर है | भारत में आबादी काफी
ज्यादा है पर अभी भी देश के कई बड़े हिस्से है जहां तकनीकी चुनौतियां है |
एशिया में भारत है सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार
मोबाईल गेमिंग का कम दाम इसकी popularity में काफी बड़ा योगदान देता है क्यूंकि मोबाईल PC
से काफी ज्यादा सस्ते होते है और ये ज्यादातर क्षत्रों में उपलब्ध है | अमेरिका और चीन की तुलना में,
भारत की गेमिंग और esports मार्केट अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है हालांकि स्टडी के मुताबिक
एशिया में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है , आगे जाकर भारत गेमिंग और esports इंडस्ट्री
के लिए रक्षक साबित होगी |
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