Wimbledon Records: विंबलडन लॉन टेनिस में ग्रैंड स्लैम में सबसे प्रतिष्ठित है। यह अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और हर दूसरे टेनिस एथलीट के बस की बात नहीं है। केवल कुछ ही खिलाड़ी प्रतियोगिता में खेल पाते हैं और सफलता प्राप्त कर पाते हैं। प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में जीत हासिल करना हर व्यक्ति का सपना होता है और अपने देश को गौरवान्वित करने से बेहतर कोई एहसास नहीं है।
सबसे पुराना टेनिस टूर्नामेंट लंदन के विंबलडन में ऑल इंग्लैंड क्लब में आयोजित किया गया था विंबलडन का 136 संस्करण 3 जुलाई 2023 से 16 जुलाई 2023 तक होगा। शीर्ष सम्मान जीतने की उम्मीद में कई शीर्ष स्तर के टेनिस सितारे प्रतियोगिता में भाग लेंगे। जब भारतीय खिलाड़ियों की बात आती है, तो ऐतिहासिक रूप से कुछ प्रतिष्ठित प्रदर्शन हुए हैं।
उन दुर्लभ अवसरों पर भारत के टेनिस सितारों ने खेल के सबसे बड़े मंच पर देश को बेहद गौरवान्वित किया। चाहे युगल हो या एकल, भारत में टेनिस प्रेमियों के पास यादगार पल रहे हैं। उसी नोट पर यहां हम उन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने इस प्रतिष्ठित खिताब को अपने नाम किया है।
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Wimbledon Records: टॉप 5 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने जीता है विंबलडन का खिताब
1. रामनाथन कृष्णन (1954)
इस सूची में सबसे पहले खिलाड़ी रामनाथन कृष्णन हैं। 1937 में तमिलनाडु के नागरकोइल के एक छोटे से गांव तेनकासी में जन्मे कृष्णन को यकीनन भारत का सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी माना जाता है।
वह 1960 और 1961 में दो बार विंबलडन सेमीफाइनल में पहुंचे और विश्व नंबर 6 की करियर की सर्वोच्च रैंकिंग हासिल की। तब 17 वर्षीय रामनाथन कृष्णन 1954 में विंबलडन में लड़कों का एकल खिताब जीतने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी बने। उन्होंने फाइनल में एशले कूपर को हराया और वहीं उसी वर्ष सीनियर विंबलडन टूर्नामेंट भी खेला।
2.रमेश कृष्णन (1979)
कृष्णन ने विंबलडन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हैं। मद्रास के रहने वाले रमेश कृष्णन भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। हालांकि, वह अपने लंबे शानदार करियर के दौरान किसी ग्रैंड स्लैम फाइनल में जगह नहीं बना सके। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कृष्णन ने अपने नाम आठ एकल खिताब जोड़ लिए हैं।
1979 में, रमेश फाइनल में डेविड सीगलर को 6-0, 6-2 से हराकर जूनियर विंबलडन चैंपियन बने। हालांकि जूनियर चैंपियन बनने के सात साल बाद ही कृष्णन विंबलडन के चौथे दौर में पहुंच गए, लेकिन उन्हें जर्मनी के एरिक जेलेन ने हरा दिया।
3. लिएंडर पेस (1990)
लिएंडर पेस सेमीफाइनल में प्रबल दावेदारों में से एक यूएसए के इवान बैरोन को हराकर विजयी हुए। इसके बाद वह फाइनल में मार्कोस ओन्ड्रुस्का को 7-5, 2-6, 6-4 से हराकर चैंपियन बने और 1990 विंबलडन चैंपियनशिप में बॉयज सिंगल्स टेनिस खिताब जीता। उनके नाम डेविस कप में सर्वाधिक युगल जीत का रिकॉर्ड भी है। पेस ने आठ युगल और दस मिश्रित युगल ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं। वास्तव में, उन्हें टेनिस कोर्ट की शोभा बढ़ाने वाले सर्वश्रेष्ठ भारतीयों में से एक माना जाता है।
ग्रैंड स्लैम डबल खिताब जीतने के वर्ष:
ऑस्ट्रेलियन ओपन (2012)
फ़्रेंच ओपन (1999, 2001, 2009)
विंबलडन (1999)
यूएस ओपन (2006, 2009, 2013)
ग्रैंड स्लैम मिश्रित डबल खिताब जीतने के वर्ष:
ऑस्ट्रेलियन ओपन (2003, 2010, 2015)
फ्रेंच ओपन (2016)
विंबलडन (1999, 2003, 2010, 2015)
यूएस ओपन (2008, 2015)
4. लिएंडर पेस और महेश भूपति (1999)
वर्ष 1999 इस जोड़ी के लिए सबसे अच्छे वर्षों में से एक था। इस प्रतिष्ठित जोड़ी ने फ्रेंच ओपन में अपनी पहली प्रमुख ग्रैंड स्लैम जीत हासिल की। लिएंडर पेस और महेश भूपति ने फाइनल में नीदरलैंड के पॉल हारहुइस और अमेरिका के जेरेड पामर को 6-7(10), 6-3, 6-4, 7-6(4) से हराकर विंबलडन जीता।
इन सबसे ऊपर, लिएंडर और भूपति सबसे प्रतिष्ठित विंबलडन रिकॉर्ड में से एक बनाते हुए ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली भारतीय जोड़ी बन गए।
5. सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस (2015)
भारत की शान सानिया मिर्जा ने कई मौकों पर भारत का सिर ऊंचा किया है। इसी तरह वह 2015 में भारत की सबसे बड़ी जीतों में से एक का हिस्सा थीं। सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस ने 2015 में एलेना वेस्नीना और एकातेरिना मकारोवा की दूसरी वरीयता प्राप्त रूसी जोड़ी को 5-7, 7-6(4), 7-5 से हराया। विंबलडन में महिला युगल खिताब जीतने के लिए जो एक टीम के रूप में उनका पहला ग्रैंड स्लैम खिताब था।
इसके बाद यह जीत सानिया के लिए ऑल इंग्लैंड क्लब में पहला खिताब था। 1997 में महिला एकल खिताब जीतने के बाद यह हिंगिस का पहला विंबलडन खिताब भी था।
यह सानिया और हिंगिस का चौथा खिताब था, जिन्होंने उस साल मार्च में एक साथ जोड़ी बनाई थी। उन्होंने इंडियन वेल्स और मियामी में मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में चार्ल्सटन, दक्षिण कैरोलिना में फैमिली सर्कल कप जीता।
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6. सुमित नागल (2015)
युवा खिलाड़ी सुमित नागल हाल के समय में भारत के सर्वश्रेष्ठ उभरते खिलाड़ियों में से एक हैं। ग्रैंड स्लैम जूनियर खिताब जीतने वाले छठे भारतीय बनने के बाद उन्होंने इतिहास और नए विंबलडन रिकॉर्ड बनाए। सुमित ने जुलाई 2015 में अपने साथी नाम होआंग ली के साथ विंबलडन चैंपियनशिप में लड़कों की युगल ट्रॉफी जीती।
तब 17 वर्षीय नागल ने अपने आठवीं वरीयता प्राप्त वियतनामी साथी के साथ लगभग 63 मिनट तक चले खिताबी मुकाबले में चौथी वरीयता प्राप्त जोड़ीदार रीली ओपेल्का और अकीरा सैंटिलान को 7-6(4) 6-4 से हराया।
7. विजय अमृतराज (1981)
विजय अमृतराज भी टेनिस में भारत के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने अपने खेल के दिनों में दो अवसरों, 1973 और 1981 में क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर देश को गौरवान्वित किया। दोनों अवसरों पर, उन्हें गैरवरीयता प्राप्त थी, इसलिए खिलाड़ी से कोई बड़ी उम्मीदें नहीं थीं।
विंबलडन के 1981 संस्करण के दौरान क्वार्टर फाइनल में प्रवेश की राह पर अमृतराज ने छठी वरीयता प्राप्त ब्रायन टीचर को पांच सेटों में हराया। इसके बाद पद्मश्री पुरस्कार विजेता ने प्रतिष्ठित टेनिस दिग्गज जिमी कॉनर्स से मुलाकात की। अमृतराज ने अमेरिकी को पांच सेट तक धकेला लेकिन हारकर बाहर हो गए। हार के बावजूद भारतीय एथलीट ने खूब दिल जीते।