Sourav Ganguly and Jay Shah: बीसीसीआई (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) का का कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं? इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही है।
फिलहाल में SC ने मंगलवार को सुनवाई जारी रखते हुए बुधवार तक फैसले का आदेश दिया है। दरअसल BCCI चाहता है कि सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) के कार्यकाल को और बढ़ा दिया जाए, लेकिन BCCI के नियम के मुताबिक ऐसा करना संभव नहीं।
गांगुली और शाह को अपने पद पर फिर से आसीन करने के लिए BCCI को अपने संविधान में संशोधन करना होगा और ये संशोधन सुप्रीम कोर्ट (SC) की अनुमति के बिना संभव नहीं है।
यहां हम जिस नियम की बात कर रहे है उसे ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ कहा जाता है। BCCI ने अक्ष्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) का कार्यकाल बढ़ाने के लिए ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ खत्म करने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की है।
कूलिंग ऑफ पीरियड क्या है?
बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति स्टेट या नेशनल बोर्ड में लगातार 6 साल से ज्यादा किसी पद पर नहीं रह सकता है। अगर उस व्यक्ति को आगे फिर से स्टेट बोर्ड या BCCI में पद लेना है तो उसे 3 साल का कूलिंग पीरियड का नियम फॉलो करना होगा। इसका मतलब है कि वह 3 साल तक ऐसे किसी भी पद पर कार्यरत नहीं हो सकता है।
बता दें कि Sourav Ganguly और Jay Shah का कार्यकाल सितंबर में खत्म होगा, फिलहाल में BCCI चाहता है कि गांगुली और शाह अपने पद पर बने रहे, इसलिए इस नियम में संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई को बुधवार के लिए आगे बढ़ा दिया कि BCCI संविधान में जो ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ रखा गया है, वह खत्म नहीं होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह बुधवार को सुनवाई जारी रखेगी और फिर आदेश पारित करेगी।
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