Justice for Pardeep Narwal: प्रो कबड्डी लीग के सीजन 9 मंगलवार रात को यूपी योद्धा और तेलुगु टाइटन्स (UP Yoddhas vs Telgu Titans) के बीच मुकाबला हुआ। मैच के दौरान एक ऐसी घटना देखने को मिली जिसके बाद से सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर परदीप नरवाल (Justice for Pardeep Narwal) ट्रेंड होने लगा।
तो आखिर ऐसा क्यों है? और सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर परदीप नरवाल (Justice for Pardeep Narwal) ट्रेंड हो रहा है? आइये समझाते है।
क्यों ट्रेंड हो रहा Justice for Pardeep Narwal?
दरअसल यूपी योद्धा और तेलुगु टाइटन्स (UP Yoddhas vs Telgu Titans) के बीच चल रहे मुकाबले में योद्धा के मुख्य कोच ने मैच के अंतिम चार मिनट में प्रदीप नरवाल (Pardeep Narwal) को रिप्लेस कर दिया।
खेल में प्रतिस्थापन एक नियमित कॉल है, लेकिन ऐसा उस समय करना जब परदीप नौ रेड पॉइंट पर थे, खेल के बाद चीजें गर्म हो गईं। सुरेंद्र गिल (Surendra Gill) को परदीप नरवाल से रिप्लेस कर दिया गया।
परदीप नारवाल जैसे शीर्ष खिलाड़ी को उसी समय रिप्लेस करना जब वह अपना सुपर 10 पूरा करने वाला था, एक में परदीप के फैन्स नाखुश है।
हालांकि यह कोई नहीं जानता कि यूपी योद्धा के कोच ने परदीप को अपना सुपर 10 पूरा क्यों नहीं करने दिया। अगर परदीप को दो या तीन रेड मिल जाती तो वह अपना सुपर 10 पूरा कर सकता था। इसके अलावा पूरे खेल में कोच ने सुरेंद्र गिल को प्रदीप नरवाल से ज्यादा मौके दिए।
एक यह भी बड़ी वजह है कि ‘जस्टिस फॉर परदीप नरवाल’ (Justice for Pardeep Narwal) सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा है।
गिल ने बोनस पर ध्यान जबकि प्रदीप को टच पॉइंट मिले
हम सभी ने देखा कि प्रदीप सभी नौ टच पॉइंट हासिल करने में कामयाब रहा, लेकिन सुरेंद्र को उसके 13 पॉइंट्स में से चार बोनस पॉइंट मिले। इस बात को लेकर बहस छिड़ गई कि पीकेएल 9 गेम का हीरो कौन है।
खेल एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रदीप खेल के नायक थे क्योंकि उन्हें महत्वपूर्ण चरणों में टच पॉइंट मिले थे। सुरेंदर ने भले ही अपनी टीम के लिए अंक अर्जित किए हों, लेकिन बोनस अंक के कारण खिलाड़ियों को पुनर्जीवित करने में असमर्थ थे।
दूसरी ओरनप्रदीप मुश्किल दौर में रेड कर रहे थे, जब पांच-छह खिलाड़ी कोर्ट पर थे।
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