मुक्केबाजी की दुनिंया में मुहम्मद अली सबसे महान मुक्केबाजों में से एक माना जाता है, लेकिन यह सुनना दिलचस्प है कि मुहम्मद अली नाम के साथ वो पैदा नहीं हुए थे।
ऐसे में सवाल यह बनता है कि उन्हें अपना नाम बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी,क्यो उन्होने अपने असली नाम को भूला दिया और नए नाम के साथ पूरी दुनियां में नाम कमाया।
मुहम्मद अली नाम के पीछे का कारण
अली के जन्म का नाम कैसियस मार्सेलस क्ले जूनियर था, लेकिन उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदल लिया।
6 मार्च 1964 को, 22 साल की उम्र में, पूर्व हैवीवेट चैंपियन ने औपचारिक रूप से अपना नाम बदलकर मुहम्मद अली कर लिया।
यह नाम उनके आध्यात्मिक गुरु एलिजा मुहम्मद ने दिया था।
कैसियस मार्सेलस क्ले जूनियर नाम छोड़ने का कारण
एक इंटरव्यू के दौरान मुहम्मद अली ने बताया था कि उनको उनका पुराना नाम एक दास जैसा लगता था।
क्योंकि उनके दादाजी ने एक दास के रूप में काम किया था,
पूर्व हैवीवेट चैंपियन का परिवार अमेरिका में नागरिक अधिकारों और नस्ल के मुद्दे का शिकार रहा था।
मुहम्मद अली का शानदार करियर
मुक्केबाजी में अली ने दो दशकों तक राज किया, उस दौरान, उन्होंने कुल 61 मुकाबलों में लड़ाई लड़ी और उनमें से 56 जीते, जिनमें से 37 जीत नॉकआउट से जीती।
अली ने 12 साल की उम्र में मुक्केबाजी के लिए ट्रेनिंग शुरू कर दिया था, दिलचस्प बात यह है कि ,1
960 के ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने से पहले उन्हें सिर्फ छह साल की ट्रेनिंग दी।
उन्हें करियर की सबसे उल्लेखनीय जीत जो फ्रैजियर, जॉर्ज फोरमैन, सन्नी लिस्टन और केन नॉर्टन के खिलाफ देखने को मिला,
जो फ्रैजियर के खिलाफ मुक्केबाजी इतिहास में सबसे प्रसिद्ध मुक्केबाजी में से एक है।
बॉक्सिंग रिंग के अंदर ही नहीं बाहर भी वो अपनी वीरता के लिए जानें जानें लगे।
जब 1960 में वियतनाम पर अमेरिका के आक्रमण के दौरान उन्होनें युद्ध में लड़ने से इनकार कर दिया था।
स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड ने अली को स्पोर्ट्समैन ऑफ़ द सेंचुरी का नाम दिया,
और बीबीसी ने उन्हें स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ़ द सेंचुरी के रूप में सम्मानित किया।