सनराइजर्स हैदराबाद और अब्दुल समद की है एक अटूट प्रेम कहानी?
सनराइजर्स हैदराबाद और अब्दुल समद के बीच एक अजीबोगरीब रिश्ता है। एक तरफ, टीम लगातार उनका समर्थन करती है, उन्हें मौके देती है, भले ही वे परिणाम नहीं दे पाते हों। दूसरी तरफ, क्रिकेट विशेषज्ञ और प्रशंसक उनकी कमियों पर सवाल उठाते रहते हैं।
समद, जम्मू और कश्मीर के रहने वाले, एक प्रतिभाशाली युवा बल्लेबाज हैं, जिन्हें अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। 2020 में, उन्हें आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद द्वारा चुना गया था, और तब से वे टीम का हिस्सा रहे हैं।
हालांकि, उनका प्रदर्शन उतार-चढ़ाव वाला रहा है। वे कुछ शानदार पारियां खेल चुके हैं, लेकिन वे लगातार प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं। 2024 सीज़न में, उन्होंने 14 मैचों में 178 रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 37 रहा है।
इसके बावजूद, सनराइजर्स हैदराबाद उन्हें लगातार मौके दे रहा है। वे उन्हें एक फिनिशर के रूप में देखते हैं, जो टीम को अंतिम ओवरों में रन गति प्रदान कर सकते हैं।
लेकिन क्या यह रणनीति सही है?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि समद को टीम में जगह नहीं मिलनी चाहिए। उनका तर्क है कि वह लगातार प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं, और उनका उच्च स्ट्राइक रेट केवल तभी मायने रखता है जब वे रन बनाते हैं।
वे यह भी तर्क देते हैं कि समद एक आयामी खिलाड़ी हैं, जो केवल बल्लेबाजी कर सकते हैं। उनका गेंदबाजी में कोई योगदान नहीं है, जो एक बहुमुखी खिलाड़ी के लिए आवश्यक है।
इसके अलावा, कुछ लोगों का मानना है कि समद को बहुत अधिक छूट दी जाती है। जब वे विफल होते हैं, तो उन्हें आसानी से माफ कर दिया जाता है, जबकि अन्य खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है।
तो, सवाल यह है कि क्या सनराइजर्स हैदराबाद को अब्दुल समद पर भरोसा करना चाहिए?
यह एक कठिन प्रश्न है जिसका कोई आसान उत्तर नहीं है। समद निश्चित रूप से प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें लगातार प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। यदि वे ऐसा करने में सफल होते हैं, तो वे टीम के लिए एक मूल्यवान संपत्ति हो सकते हैं।
लेकिन अगर वे विफल होते रहते हैं, तो टीम को आगे बढ़ने और अन्य विकल्पों पर विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
हैदराबाद के लिए आगे का रास्ता होने वाला है कठिन
सनराइजर्स हैदराबाद को अपने मध्यक्रम में सुधार करने की आवश्यकता है। समद एक विकल्प हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से इकलौते नहीं हैं। टीम को अब मयंक अग्रवाल की तरफ देखना चाहिए वरना शयद वो एलिमिनेटर से बाहर हो जाएं।
यह भी महत्वपूर्ण है कि टीम एक संतुलित मध्यक्रम बनाए, जिसमें विस्फोटक बल्लेबाज और जिम्मेदार बल्लेबाज दोनों हों। हैदराबाद के पास एक प्रतिभाशाली टीम है, और उनके पास इस सीज़न में प्लेऑफ़ में जगह बनाने का एक अच्छा मौका है। लेकिन उन्हें अपने मध्यक्रम को मजबूत करने की आवश्यकता है यदि वे खिताब जीतना चाहते हैं।