Paris Olympics 2024: 30 जुलाई , मंगलवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में सरबजोत सिंह ने मनु भाकर के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स टीम में कांस्य पदक हासिल किया| 22 वर्षीय सरबजोत और मनु ने मिलकर दक्षिण कोरिया को 16-10 से हराकर भारत को ओलंपिक में दूसरा पदक दिलाया है| इससे पहले सोमवार को भाकर ने महिला व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक प्राप्त किया था | अब वो ओलंपिक में एक से ज्यादा पदक जीतने वाली भारत की पहली एथलीट बन गई है वही सरबजोत गगन नारंग और विजय कुमार के बाद नीशानेबाज़ी में पदक जीटेने वाले पहले भारतीय शूटर बन गए है | खास बात ये है की नारंग ने ठीक 12 साल पहले 2012 में 30 जुलाई को ही कांस्य पदक जीता था|
मुकाबले में भारतीय टीम ने 261.3 शॉट लगाए, जिसमें से सरबजोत के 110.2 शॉट थे और उसमें 10.2 दो बार और 10.2 शॉट शामिल थे जब मनु स्पर्धा में लड़खड़ा रही थी| जब मनु ने अपने आठवें प्रयास में 10 से काम का अपना एक मात्र शॉट 8.3 लगाया तब सरबजोत ने 10.2 के साथ कवर किया और सुनिश्चित किया की वो अपनी बढ़त बनाए रखे |
सरबजोत सिंह ओपनिंग डे पर रहे थे असफल
जहां एक ओर मनु ने इतिहास रचा है वही दूसरी ओर सरबजोत ने अपने पहले ओलंपिक में भाग लेने के साथ-साथ आखिरकार मेडल प्राप्त किया | शनिवार को ओलंपिक के ओपनिंग डे पर वो फाइनल के लिए क्वालफाइ करने में असफल रहे थे क्यूंकि वो टॉप 8 से केवल एक स्थान नीचे 9वें स्थान पर थे | जर्मनी के रॉबिन वाल्टर के साथ अंक बराबर होने के के बावजूद, सरबजोत मेडल राउंड में जगह बनाने से चूक गए थे | निर्णायक फैक्टर इनर 10 के अंक थे और टारगेट 10 मीटर रेंज था जिसमें रॉबिन ने सरबजोत को मात दे दी और आठवाँ और अंतिम क्वालीफिकेशन स्थान प्राप्त कर लिया |
अंबाला में हुआ था इस युवा का जन्म
बात करे सरबजोत सिंह के प्रारंभिक जीवन की तो वो अंबाला के धीन गाँव में पैदा हुए थे और वही के रहने वाले है | उनके पिता जतिंदर कौर के किसान है और माँ हरदीप कौर ग्रहणी है | सरबजोत ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की और सेंट्रल फीनिक्स क्लब में स्थित अंबाला कैंट में AR शूटिंग अकादमी में कोच अभिषेक राणा से ट्रैनिंग ली |
2019 में सरबजोत जूनियर ने विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट के रूप में सीनियर रैंक में प्रवेश किया था और एशियन गेम्स 2023 में टीम गोल्ड और मिक्स्ड सिल्वर हासिल किया था | उन्होंने 2023 एशियन चैंपियनशिप में व्यक्तिगत कांस्य में प्राप्त किया जिससे उन्हें पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा स्थान मिला | आज भारत देश सरबजोत को एक नीशानेबाज़ के रूप में जानता है लेकिन सरबजोत पहले फुटबॉलर बनना चाहते थे | पर एक समर कैंप के दौरान उनकी रुचि तब बदल गई जब उन्होंने बच्चों को पिस्टल से पेपर टारगेट पर निशाना लगाते हुए देखा | इस अनुभव ने उनपर गहरा असर डाला अतः वो शूटिंग करने के लिए प्रेरित हो गए |
सरबजोत के पिता शुरुआत में नहीं थे इस करियर के लिए राजी
शुरुआत में सरबजोत के पिता स्पोर्ट्स के खर्चे के कारण नहीं चाहते थे की उनका बेटा शूटिंग में करियर बनाए पर इस युवा ने आखिरकार अपने माता-पिता को राजी किया और उनका समर्थन हासिल किया और इस फील्ड में अपना करियर बनाने में सफल रहे | जब सरबजोत ने जिला-स्तरीय टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता तो उसके बाद ही उन्होंने अभिषेक राणा से प्रोफेशनल कोचिंग लेना शुरू किया जो की 2016 से उन्हें प्रशिक्षित कर रहे है |
2021 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में सरबजोत ने टीम और मिक्स टीम दोनों में गोल्ड मेडल प्राप्त किये थे | 2022 में सरबजोत ने भोपाल के मध्य प्रदेश में आयोजित हुई 65वीं नैशनल शूटिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते थे | इसके बाद और भी बेहतर प्रदर्शन के साथ 2023 में विश्व कप के पहले फाइनल मैच में 16-0 के स्कोर के साथ उन्होंने फिर स्वर्ण पदक हासिल किया | पूरी प्रतियोगिता के दौरान सरबजोत 585 अंकों के साथ टॉप स्कॉरर बने रहे और और कुल 253.2 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया | अब इस साल अपने पहले ओलंपिक में हिस्सा लेकर और कांस्य पदक जीतकर उन्होंने देश का नाम रोशन करने का सपना पूरा कर लिया है |
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सरबजोत अपने प्रदर्शन से नहीं है संतुष्ट
जीत के बाद एक इंटरव्यू में सरबजोत ने खुलासा किया की जब उन्होंने पदक जीतने के बाद अपनी माँ को कॉल किया तो उनकी माँ ने कहा, “मैं व्यस्त हु बाद में बात करना मेरे से,”| ईवेंट के बाद इस युवा निशानेबाज ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए ये भी बताया की वो अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है और अभी से ही 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के बारे में सोच रहे है | सरबजोत ने कहा की उनकी यात्रा तब ही शुरू हो गई थी जब वो बहुत छोटे थे और ये मेडल उनके लिए अच्छा है पर वो अपने प्रदर्शन ने पूरी तरह संतुष्ट नहीं है | “मुझे लगता कई की इस बार मुझे तकनीक से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन में 2028 में और भी बेहतर करूंगा,” सरबजोत ने कहा |