Dash Tackle in Kabaddi: कबड्डी के खेल में दो टीमें होती है, जो मूलतः एक दूसरे टीम के खिलाड़ियों को कोर्ट ने बाहर करने की कोशिश करती है, इन प्रयासों में खिलाड़ियों द्वारा कई तरह के मूव्स का इस्तेमाल करते है। कुछ ऐसा ही इस बार के प्रो कबड्डी लीग (PKL) में व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है।
अब जो लोग कबड्डी खेल के नियमों से वाकिफ है उन्हें मूव्स के बारे में मालूम होगा, लेकिन जो इस खेल में नई नई रुचि रखने वाले है, उन्हें कबड्डी के मूव्स (Kabaddi Moves in Hindi) के बारे में कम ही जानकारी होगी। तो इस लेख में हम कबड्डी के एक ऐसे मूव के बारे में बात करेंगे जो खिलाड़ियों द्वारा कई बार इस्तेमाल किया जाता है।
दरअसल इस लेख में हम डैश टैकल (Dash Tackle in Kabaddi) के बारे में बताने वाले है। तो आइए इस लेख में जानते है कि कबड्डी में डैश टैकल क्या होता है जो PKL में डिफेंडर्स द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया गया है।
डैश टैकल क्या है? | Dash Tackle in Kabaddi
डैश टैकल एक हाई परफॉरमेंस वाला टैकल है जहां कवर या कॉर्नर डिफेंडर पूरी गति के साथ साइड लॉबी से रेडर को मैट से बाहर निकालने के लिए दौड़ता है। यह एक ऐसा टैकल है जो आमतौर पर रेडर द्वारा किसी भी कार्नर पर अपना टच या बोनस प्रयास करने के बाद किया जाता है।
रेडर के एक पॉइंट स्कोर करने के प्रयास के बाद विपरीत कार्नर या कवर डिफेंडर रेडर पर आरोप लगाता है। इस टैकल को सही समय के साथ क्रियान्वित करने के लिए डिफेंडर के बीच सही से तालमेल की आवश्यकता होती है अन्यथा रेडर मूव का अनुमान लगा सकता है और चकमा देकर बच सकता है।
सुरजीत सिंह (पुनेरी पल्टन), मनजीत छिल्लर (तमिल थलाइवास), गिरीश एर्नाक (पुनेरी पल्टन), सुरिंदर सिंह (यू मुंबा) और रोहित राणा कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें पीकेएल में डैश टैकल (Dash Tackle in Kabaddi) से काफी सफलता मिली है।
ये भी पढ़ें: Basic Rules of Kabaddi | 10 आसान नियमों से जानिए कैसे खेला जाता है कबड्डी?