पीकेएल के 9वें सीजन के लिए तमिल थलाइवाज ने काफी जबरदस्त टीम बनाई है। उन्होंने ऑक्शन
के दौरान पिछले तीन सीजन से पीकेएल के सबसे सफल रेडर पवन सेहरावत को खरीदकर अपने
टाइटल जीतने की उम्मीदों को पुख्ता किया है। पवन सेहरावत के आने से तमिल थलाइवाइज
के पास एक बड़ा चेहरा आ गया है और इससे उनकी पॉपुलैरिटी भी काफी बढ़ सकती है। तमिल
थलाइवाज ने बीते सीजन अच्छा जरूर किया था लेकिन अभी तक बड़े मुकाबलों में वो जीतने में नाकाम रहे हैं।
यही वजह है कि आगामी सीजन का टाइटल जीतने के लिए ऑक्शन के दौरान उन्होंने अपना
पूरा जोर एक बेहतरीन टीम बनाने पर लगाया। सीजन के आगाज से पहले आइए जानते हैं
तमिल थलाइवाज का मजबूत और कमजोर पक्ष क्या है।
पवन सेहरावत होंगे टीम की सबसे बड़ी ताकत –
तमिल थलाइवाज की सबसे बड़ी ताकत इस बार पवन सेहरावत ही होंगे। उनके आने से टीम
रेडिंग में बाकी टीमों को कड़ी चुनौती देती नजर आएगी। नौवें सीजन की नीलामी में
थलाइवाज ने पवन सेहरावत को 2.26 करोड़ रूपये में खरीदकर लीग के इतिहास का सबसे
महंगा खिलाड़ी बनाया है। पवन ने पीकेएल की सबसे बड़ी रकम हासिल की है तो उन्हें अपने प्रदर्शन से
इसे सही भी साबित करना होगा। पिछले तीन सीजन से लगातार बेस्ट रेडर बन रहे पवन के पास
थलाइवाज को पहली बार खिताब के करीब पहुंचाने की क्षमता है। यदि पवन अपनी लय में रहे
तो थलाइवाज फैंस को पहली बार खुश होने का मौका मिल सकता है। हालांकि इसके लिए
एक बार फिर उन्हें अपना बेस्ट देना होगा।
सागर को तमिल थलाइवाज ने एक बार फिर रिटेन किया है क्योंकि सागर पिछले सीजन दूसरे
सबसे ज्यादा टैकल प्वाइंट लेने वाले डिफेंडर रहे थे। सागर ने पिछले सीजन 83 टैकल प्वाइंट लिए
थे जिसमें आठ हाई-5 शामिल रहे थे। उन्होंने शुरूआत में तो अच्छा खेल नहीं दिखाया था लेकिन
जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा उन्होंने अपनी लय पकड़ ली थी। सागर से तमिल थलाइवाज को इस बार
काफी उम्मीदें होंगी। वो काफी खतरनाक डिफेंडर साबित हो सकते हैं।
तमिल थलाइवाज टीम का कमजोर पक्ष –
पवन सेहरावत और सागर के ऊपर ज्यादा निर्भरता
पवन सेहरावत वैसे तो अकेले दम पर टीम को जिताने की क्षमता रखते हैं लेकिन उनके अलावा
टीम में और कोई बड़ा रेडर मौजूद नहीं है। अजिंक्य पंवार उनके असिस्ट रेडर होंगे लेकिन अगर
दुर्भाग्यवश पवन इंजरी का शिकार होते हैं या उनका फॉर्म उतना अच्छा नहीं रहता है तो क्या
अजिंक्य पंवार अपने दम पर रेडिंग की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। अजिंक्य ने अभी तक ज्यादातर
असिस्ट रेडर की ही भूमिका निभाई है, ऐसे में मेन रेडर की जिम्मेदारी संभालना उनके लिए चुनौतीपूर्ण
हो सकता है। तमिल थलाइवाज की ये एक बड़ी कमी कही जा सकती है। उन्हें चाहिए था कि एक और
बेहतरीन रेडर को टीम में शामिल करते।
वहीं डिफेंस में भी टीम सागर के इर्द-गिर्द ही घूमेगी। पवन सेहरावत के लिए 2 करोड़ से ज्यादा की
बोली लगाने की वजह से तमिल थलाइवाज अपने सभी पोजिशन के लिए बैकअप तैयार ही नहीं
कर पाई। उन्होंने एक खिलाड़ी पर इतने ज्यादा पैसे खर्च कर दिए कि बाकी प्लेयर्स के लिए उतने
पैसे ही नहीं बचे। ऐसे में अगर सागर ना चले तो फिर डिफेंस धराशायी हो सकता है।