राजस्थान के अलवर जिले में स्थित खुदनपुरी गांव में एक शारीरिक शिक्षक है जो कई खिलाड़ियों को हॉकी की ट्रेनिंग दे चुके है. और उनके पास जो खिलाड़ी ट्रेनिंग लेने आए है वो अब नेशनल लेवल तक खेल चुके है. इस गांव को राजस्थान में हॉकी के गांव से भी जाना जाता है. इस गाँव की कई लड़कियों का चयन नेशनल लेवल पर हुआ है. जो काफी अच्छे प्रदर्शन से अपने क्षेत्र का नाम और अपने गांव का नाम रोशन कर रही है.
खुदनपुरी के शारीरिक शिक्षक दे रहे दस सालों से ट्रेनिंग
इस गांव में शरीरिक शिक्षक विजेंद्र सिंह नरुका पिछले दस सालों से खिलाड़ियों को हॉकी की बारीकियां समझा रहे हैं. उनके द्वारा ट्रेन किए गए खिलाड़ी आज काफी नाम रोशन कर रहे हैं. वहीं शरीरिक शिक्षक नरुका को 2019 में राज्यपाल द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है. इनका कहना है कि लड़कियों को खेल की बेहतर सुविधाएं मिले तो इंटरनेशनल स्तर पर भी पहचान बना सकती है.
नरुका ने पिछले बीस साल पहले शरीरिक शिक्षक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था. उन्होंने इतना ही नहीं गरीब परिवार की लड़कियों को भी ट्रेनिंग दी है जिनके पास संसाधन का भी अभाव था. उन्होंने बिना संसाधन की लड़कियों को भी ट्रेनिंग दी है. और मैदान नहीं होने के बाद भी उसकी उपलब्धता कराई. और हॉकी स्टिक और हॉकी से जुड़ी सभी सुविधाएं भी खिलाड़ियों को मुहैया कराई थी. वहीं अब ये गांव कुंदनपूरी के पास सूर्यनगर के पास एक पार्क में लड़कियों को हॉकी का प्रशिक्षण देते हैं.
बता दें इस गांव की खिलाड़ियों को भामाशाहों के द्वारा मदद मिली है और उन्हें मैदान की सुविधा भी मिली है. वहीं खुदनपूरी की लड़कियों ने राज्य स्तर में ही नहीं बल्कि साईं ट्रेनिंग सेंटर में भी अपना नाम बनाया है. और इस गांव की एक लड़की ने साईं ट्रेनिंग में हिस्सा लिया है.