बचपन से लगन और मेहनत करके अपना नाम बनाने विवेक सागर प्रसाद ने छोटी सी उम्र में इंटरनेशनल टीम में जगह बना ली थी. उनका जन्म 25 फरवरी 2000 में मध्यप्रदेश के इटारसी शहर के पास शिवनगर चन्दन गांव में हुआ था.
विवेक सागर प्रसाद ने किआ देश का नाम ऊंचा
पहले उन्हें हॉकी से नहीं बल्कि शतरंज, बैडमिंटन और क्रिकेट जैसे खेलों से प्यार था लेकिन बाद में उनके स्कूल में उन्होंने हॉकी स्टिक पकड़ी और इससे ही प्यार कर बैठे. इसके बाद उनकी प्रतिभा को पकड़ा पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अशोक कुमार ने जिन्होंने सीनियर लेवल टूर्नामेंट में उनकी प्रतिभा को पहचाना था.
इसके बाद 2016 में लग रहा था कि विवेक का चयन जूनियर विश्वकप की टीम में हो जाएगा. लेकिन एक एक्सीडेंट ने उन्हें डिप्रेशन में डाल दिया था. और उनके सपने को तोड़ कर रखा दिया था. लेकिन उसके बाद 2017 में सुलतान जोहर कप में वापसी करते हुए भारत को कांस्य पदक जीता था.
इसके बाद और मेहनत करते हुए जनवरी 2018 में 17 साल 10 महीने और 22 दिन की उम्र में राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई थी. इसी के साथ वह देश के दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने थे जिन्होंने सबसे कम उम्र में डेब्यू किया था. तब से लेकर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 90 से अधिक मैच खेले हैं. इसके अलावा उन्होंने युवा ओलम्पिक खेल 2018 में भारतीय जूनियर हॉकी टीम राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर भी घोषित किया था.
इसके अलावा टोक्यो ओलम्पिक 2020 में उनके शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें FIH द्वारा यंग प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी दिया गया था. इसके बाद लगातार दूसरी बार FIH यंग प्लेयर ऑफ द ईयर के पुरस्कार के लिए नामित किया गया था. साथ ही बता दें कि साल 2021 में विवेक को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वहीं पिछले साल 2022 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी विवेक प्रसाद शामिल रहें थे.