पूर्व विश्व चैम्पीयन और भारतीय खिलाड़ी विश्वनाथ आनंद अब FIDE के उपाध्यक्ष है , हाल ही में टाटा
स्टील टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह के दौरान इंटरव्यू में उनसे शतरंज में चीटिंग को लेकर कई सवाल
पूछे गए थे जिस पर आनंद ने कहा है की उनके स्पोर्ट में चीटिंग बड़े पैमाने पर नहीं है और केवल
अनलाइन टूर्नामेंट तक ही सीमित है , उन्होंने ये भी कहाँ की “ ये एक नया क्षेत्र है , हाँ निश्चित तोर पर
हम जानते है की चीटिंग की संभावना है और इससे आपको चिंता भी होती है पर ये इतनी बड़ी नहीं है |
कार्लसन और नीमन के बीच हुआ विवाद
दरहसल इसी साल सितंबर के महीने में विश्व चैम्पीयन मैग्नस करसलन ने पूरी शतरंज दुनिया को हिला
कर रख दिया था जब उन्होंने सिंकफ़ील्ड कप के तीसरे राउंड में हार के बाद अमेरिका के ग्रंड्मास्टर
हाँस निमन पर चीटिंग के आरोप लगाए थे , इसके बाद एक अनलाइन इवेंट के दौरान जब कार्लसन
और नीमन का आमना सामना हुआ तब कार्लसन ने पहली चाल ही चलने के बाद मैच छोड़ दिया था |
अनलाइन चीटिंग को लेकर आनंद ने कही ये बात
आनंद का मानना है की अनलाइन चीटिंग की समस्या कभी हल नहीं हो सकती क्यूंकि जिस प्रकार से
टेक्नॉलजी अड्वान्स हो रही है चीटिंग और भी ज्यादा बढ़ सकती है , ये कुछ ऐसा है जो आपको अपनाना
होगा , आपके पास फ्रैम्वर्क है ये बहुत महत्वपूर्ण है | उन्होंने आगे ये भी कहा की शतरंज में चीटिंग के
खिलाफ लड़ाई कुछ हद तक हथियारों की दौड़ की तरह है |
FIDE के फेयर प्ले कमीशन कर रहे है इस केस की जांच
बता दे कार्लसन-नीमन के बीच हुए इस केस की जांच FIDE के फेयर प्ले कमीशन द्वारा की जा रही है
और क्यूंकि कार्लसन से बिना किसी सबूत के आरोप लगाए है इसलिए अगर जांच में कुछ निकलकर
सामने नहीं आता है तो विश्व चैम्पीयन को निलंबित भी किया जा सकता है , वही दूसरी ओर नीमन ने
भी कार्लसन के खिलाफ 100 मिलियन US डॉलर का मुकदमा दर्ज किया है और अगर चीटिंग के
सबूत मिलते है तो उन्होंने भी काफी परिणाम भुगतने पड़ सकते है |