पिछले साल जून के महीने में काफी विवाद हुआ था जब भारतीय अरबपति निखिल कामथ ने ये
स्वीकार किया था की विश्वनाथ आनंद के खिलाफ एक चैरिटी मैच में उन्होंने खेल के विश्लेषण करने
वाले लोगों से और “कंप्यूटर से मदद ली थी और तब उन्हें मात दी थी | निखिल का ये बयान उस मैच
के परिणाम के बाद आया था जिससे सब काफी आश्चर्यचकित हो गए थे |
कामथ ने ट्विटर पर दिया था बयान
निखिल कामथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस खेल पर ट्वीट कर ये लिखा था की “ यह काफी हास्यास्पद
है कि इतने सारे लोग सोच रहे है की मैंने सच में शतरंज के उस मैच में विशी सर को हरा दिया है ,
ये लगभग ऐसा है की मैंने जागने के बाद बोल्ट के साथ 100 मीटर की दौड़ लगाई और जीत हासिल
कर ली | कामथ ने गेम के बाद लोगों के बीच पैदा हुए भ्रम के लिए प्रशंसकों से माफी भी मांगी |
इंटरव्यू में आनंद ने कही ये बात
अब एक साल बाद विश्वनाथ आनंद ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट के दौरान शतरंज में चीटिंग
और उससे जुड़ी चीजों के बारे में विस्तार से बात की | उन्होंने ये भी बताया की उनके लिए ये समझना
बहुत मुश्किल है की उनका विरोधी चीटिंग कर रहा है , ये एक ऐसी समस्या है जिसके समाधान की
आवश्यकता है | आनंद ने कहा “ मैं कुछ मामलों में इसे समझ सकता हूँ पर कई बार ये चरम पर
होता है , मेरे साथ पिछले साल एक चैरिटी मैच के दौरान ऐसा हुआ था , चाल प्रतिद्वंद्वी से मेल नहीं खा
रही थी , मैचों के दौरान ये बताना काफी कठिन होता है |
कार्लसन-नीमन के मुद्दे को लेकर भी की आनंद ने बात
आनंद ने इंटरव्यू के दौरान बताया की “2005 में जब टोपोलोव पर चीटिंग के आरोप लगाए गए थे
तो मेरा रिएक्शन उस पर ये ही था की उसकी चाल अच्छी थी पर चीटिंग का कोई संकेत नहीं था ,
पर कई मजबूत खिलाड़ियों ने उन पर इसका आरोप लगाया | हाल ही में चल रहे मैग्नस कार्लसन
और हंस नीमन के गेम पर बात करते हुए उन्होंने कहा “मैंने कार्लसन-निमन को देखा है , कई प्लेयर्स
कार्लसन के साथ कुछ घंटों की टेंशन को संभाल नहीं पाते और ड्रॉ ले लेते है , निमन ने अपने लाभ का
संरक्षण किया और कार्लसन ने अंत में सचमुच गलती कर दी थी , बाद में जब मैंने कार्लसन का ट्वीट पढ़ा
तो मैं समझ नहीं पाया की वो क्या कहना चाह रहा है |