जहां एक तरफ देश के स्टार खिलाड़ियों ने जी जान लगाकर देश के लिए मैडल ला रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर देश के लिए कुछ करने का माद्दा रखने वाले खिलाड़ी
अपने खेल की तैयारी भी सही ढंग से नहीं कर पा रहे है. हाल ही में हुए कॉमनव्ल्थ गेम्स में भारत
का परचम लहरा कर लौटे खिलाड़ी ने देश का नाम ऊंचा किया है और कई सारे मेडल्स भी अपने नाम किए है.
स्टार खिलाड़ियों को नहीं मिल रहा प्रैक्टिस का स्थान
लेकिन वहीं वाराणसी में हर रोज पसीना बहाने वाले सैकड़ों खिलाड़ी अव्यवस्थाओं के बीच खेलने को मजबूर है.
ऐसा कहना है खुद ग्राउंड में प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों और उनका मार्गदर्शन करने वाले कोच का है.
वाराणसी के सिगरा स्थित सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम में इस दिनों ऐसा ही दर्द खिलाड़ियों का है.
यहाँ हॉकी की प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों का कहना है कि ग्राउंड में घास की कटाई भी नहीं होती है
और जगह-जगह पर गढ्डे हो रहे है जिसके कारण उन्हें यहाँ परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ग्राउंड में प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ी अदिति सिंह ने बताया कि हर जगह हॉकी के टफ होता है
लेकिन यहाँ ऐसी व्यवस्था नहीं है फिर भी यदि ग्राउंड की घास काट दी जाए तो हम लोग बेहतर प्रैक्टिस कर सकेंगे,
वहीं खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने वाले हॉकी के ट्रेनर अंकित गुप्ता ने बताया
सरकार से लगाई प्रैक्टिस के जगह देने की गुहार
कि यहाँ हॉकी के खिलाड़ियों के लिए गोल पोस्ट नहीं है. इसके अलावा उन्हें सरकारी बजट से सामान भी नहीं मिल
पाता, जिसकी वजह से खिलाड़ियों को कई तरह की परेशानियों से झुझना पड़ रहा है.
खिलाड़ियों को यदि अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिलेगा तो उनकी प्रैक्टिस में कमी रह जाएगी
और उनका सुनहरा भविष्य खराब होने का ज्यादा रहेगा. कोई खिलाड़ी अपना भविष्य खेलों में देखता है तो सरकार और प्रशन को भी चाहिए की उन्हें पूर्ण रूप से साड़ी सुविधायें
दें जिससे वे अपनी प्रैक्टिस को अच्छे से पूरी कर सके और आगे जाकर देश,
राज्य और अपने परिवार का नामे रोशन कर सके.