VAR के निर्णय पर उठ रहे बड़े सवाल, प्रीमियर लीग का दावा है कि अधिकांश समर्थक VAR के पक्ष में हैं और प्रौद्योगिकी के कारण सही निर्णयों में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन ऐसे कही निर्णय भी है, जिसमे VAR ने कही संधिग्ध निर्णय दिए है जिस कारण से VAR के पक्ष और विपक्ष मे कही लोग बट चुके है। अगर मुख्य रूप से देखे तो फाउल और ऑफ साइड के मामले ज्यादा इंगित किए जाते है।
इस प्रीमियर लीग मे VAR का प्रदर्शन
प्रीमियर लीग ने स्वीकार किया है कि इस सीज़न में 20 गलत VAR निर्णय हुए हैं, लेकिन एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश समर्थक VAR के पक्ष में हैं। नए प्रीमियर लीग के आँकड़े बताते हैं कि VAR लागू होने से पहले, रेफरी के 82 प्रतिशत निर्णय सही थे। अब, जब से VAR लागू किया गया है, 96 प्रतिशत निर्णय सही हैं।यह पिच पर मैच रेफरी का समर्थन करने के लिए एक बहुत ही प्रभावी उपकरण बना हुआ है। लेकिन ठीक दो साल पहले लीग के सारे अहम निर्णय रेफरी ही लिया करते थे।
इस VAR का घटन पूर्व खिलाड़ियों, पूर्व कोचों और रेफरी से बना है, जो प्रीमियर लीग और प्रोफेशनल मैच गेम ऑफिशियल्स लिमिटेड को अपनी राय से बनी है।उस पैनल का उद्देश्य अधिकारियों की निगरानी में मैच रेफरी द्वारा लिए गए प्रत्येक महत्वपूर्ण निर्णय का विश्लेषण करना और उस पर विचार करना है।उस विश्लेषण के आउटपुट का उपयोग रेफरी को प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए किया जाता है, ताकि PGMOL प्रबंधन को यह देखने में मदद मिल सके कि खेल, जैसा कि इन पूर्व खिलाड़ियों और कोचों द्वारा दर्शाया गया है, रेफरी द्वारा अपनाए जा रहे दृष्टिकोण से सहमत नहीं है।
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VAR मे अभी भी चाहिए बदलाव
इस सीजन के संदर्भ को लेकर देखे तो ये सही है कि VAR मे कुछ बदलाव कि सख्त ज़रूरत है। प्रीमियर लीग के वरिष्ठ अधिकारी स्कोल्स का मानना दो प्रमुख मुद्दे हैं जिन्हें वह VAR के साथ संबोधित होते देखना चाहता है। पहला यह है कि निर्णयों की जांच करने में कितना समय लग रहा है। हम बहुत अधिक जांच कर रहे हैं, हम उन्हें करने में बहुत अधिक समय भी ले रहे हैं। इन लोगों की जांच के स्तर को देखते हुए यह कुछ हद तक समझ में आता है। लेकिन समीक्षाओं में बहुत लंबा समय लग रहा है और इससे खेल के प्रवाह पर असर पड़ रहा है।
दूसरा यह समर्थकों के खेल के आनंद को प्रभावित करता है और हम जानते हैं कि इसे बदलने की जरूरत है। हम एक यात्रा पर हैं और हम एक ऐसे समय पर पहुंचेंगे जहां वीडियो और ऑडियो दोनों को लाइव चलाया जाएगा और निर्णय को समझाने के लिए बाद में फिर से चलाया जाएगा। मे जानता हूँ जितना ये बोलने मे आसान है उतना करने मे मुश्किल है। लेकिन आगे चलकर शायद इसका कोई उपयुक्त समाधान खोजा जा सकता है, जिसमे खेल का समय जाया न जाए।