उस्यक् ने फ़्यूरि को दी बहुत बड़ी चेतावनी, यूसिक का मानना है कि यह वही है जो टायसन फ्यूरी के दिमाग में घुस गया है। यूसिक, WBO, WBA और IBF टाइटलिस्ट और WBC चैंपियन फ्यूरी 17 फरवरी को निर्विवाद हेवीवेट चैम्पियनशिप के लिए लड़ते हैं। अगर तुम्हे लगता है की मे जीतूँगा तो मे ज़रूर जीतूँगा और मे जीतने वाला हूँ। उस्यक् और फ़्यूरि के बीच 17 फरवरी को होने वाले उस महा मुकाबले मे बड़ा बदलाव हो सकता है।
उस्यक् ने फ़्यूरि को बहुत बड़ा जवाब दिया
फ्यूरी ने लंदन में अपने निर्विवाद विश्व हैवीवेट खिताबी मुकाबले के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑलेक्ज़ेंडर उसिक पर मौखिक हमला किया। ऑलेक्ज़ेंडर उसिक का आत्मविश्वास अटल दिखता है। उस्यक एक शानदार निर्विवाद क्रूजरवेट चैंपियन थे और 17 फरवरी को टायसन फ्यूरी के खिलाफ वह हैवीवेट में सभी चार प्रमुख बेल्टों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे।टायसन फ्यूरी का कहना है कि वह जानते हैं कि ऑलेक्ज़ेंडर उस्यक उन्हें हरा नहीं सकते हैं और उनके ‘संपूर्ण वर्चस्व’ को रोक देंगे और उनका मानना है कि यह सदी की लड़ाई है। उसिक एक छोटा हेवीवेट है, लेकिन उसने एंथोनी जोशुआ को दो बार हराया और अब उसके पास WBO, WBA और IBF चैंपियनशिप है।
वह अपने घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यूबीसी टाइटलिस्ट टायसन फ्यूरी के साथ आमने-सामने हो गया और यह फ्यूरी ही था जिसने उसमें घुसने की कोशिश की थी खोपड़ी-प्रथम, उनके चेहरे से दूर।उसिक अपने पिता की यादों से प्रेरित है, न केवल दो-वेट निर्विवाद चैंपियन बनने के लिए बल्कि वह खुद को कैसे संचालित करता है उससे भी। बचपन में मुझसे पूछा गया था कि मैं बड़ा होकर कौन बनना चाहता हूं, मैंने घर आकर उनसे सलाह मांगी कि बड़े होकर मुझे क्या बनना चाहिए? उन्होंने कहा कि आपको एक अच्छा इंसान बनना चाहिए, उसिक ने याद किया।
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उस्यक् के लिए ये बहुत बड़ा मौका
उस्यक् के लिए ये एक बहुत बड़ा मौका है, अगर वे ये मुकाबला जीत जाते है तो उस्यक् के लिए ये इतिहास बनाने के समान होगा जिन्होंने हर एक वेट वर्ग मे सभी को हराया है, 2020 मे दो वेट चैंपिय रहे जोशुआ को हराकर अपना नाम और भी बहुत बड़ा बना लिया था जहाँ उसके बाद हर जगह पर उस्यक् की ही चर्चा हो रही थी, जिसको देख फ़्यूरि भी आश्चर्य हो गए थे, और वो भी उस्यक् के खिलाफ लड़ना चाहते थे।
कुछ ही दिन मे उस्यक् और फ़्यूरि के प्रतिनिधि भी इस बीच मिले थे, जहाँ पर्स बीड के दौरान रिमैच के बात पर जब फ़्यूरि नही माने तो लडाई बंद होती दिखी, बाद मे फ़्यूरि ने रिमैच पर अपनी सहमति दी और फिर बीच मे नगुणो के खिलाफ बहुत ही मुश्किल लडाई जीती जहाँ वो हारते- हारते रह गए।