प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के 9वें सीजन के आगाज से पहले यूपी योद्धा भी अपनी तैयारियों में जुटी
हुई है। पांचवे सीजन के पहले लीग ज्वाइन करने वाली यूपी ने अब तक चार सीजन खेले हैं और चारों
ही बार प्लेऑफ में पहुंचे हैं। लगातार चार सीजन प्लेऑफ में पहुंचने के बावजूद यूपी अब तक
खिताब जीतने में सफल नहीं हो पाई है। यूपी योद्धा ने आगामी सीजन के लिए भी एक बेहतरीन
टीम बनाई है। सबसे बड़ी बात ये है कि परदीप नरवाल को उन्होंने टीम के साथ बरकरार रखा है
जिनका परफॉर्मेंस बीते सीजन उतना अच्छा नहीं रहा था। टीम ने नीलामी से पहले उन्हें रिलीज कर
दिया था लेकिन ऑक्शन के दौरान एफबीएम कार्ड का प्रयोग कर कम कीमत में दोबारा हासिल
कर लिया। सीजन के आगाज से पहले हम आपको बताते हैं कि यूपी योद्धा का मजबूत पक्ष और
कमजोर पक्ष क्या है।
यूपी योद्धा टीम का मजबूत पक्ष
रेडिंग में परदीप नरवाल कर सकते हैं कमाल
बीते सीजन भले ही यूपी योद्धा के लिए परदीप नरवाल उतना बेहतर नहीं कर पाए थे लेकिन
वो एक ऐसे प्लेयर हैं जो कभी भी अपने दम पर मैच का पासा पलटने की क्षमता रखते हैं।
परदीप नरवाल का एक सीजन खराब गया तो इसका मतलब ये नहीं कि लगातार दूसरे सीजन
भी वो उस तरह के लय में नहीं रहेंगे। अगर लीग के इतिहास को उठाकर देखा जाए तो वो
सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले खिलाड़ी हैं और इस मामले में उनके आस-पास
भी कोई नहीं है। ऐसे में परदीप नरवाल ने अगर अपनी रफ्तार पकड़ ली तो फिर यूपी योद्धा
टाइटल की मजबूत दावेदार हो सकती है। इसके अलावा उन्हें सुरेंदर गिल और नितिन तोमर
का भी साथ मिलेगा। सुरेंदर गिल ने बीते सीजन बेहतरीन खेल दिखाया था। वहीं नितिन तोमर
की बात करें तो वो अपने साथ एक बड़ा एक्सपीरियंस लेकर आते हैं।
डिफेंस में नितेश कुमार और सुमित कहर बरपा सकते हैं
डिफेंस में इस बार भी यूपी योद्धा के पास नितेश कुमार और सुमित की जोड़ी है। इसके अलावा
आशु सिंह और जयदीप भी टीम का हिस्सा हैं। अब तक खेले 91 मैचों में नितेश ने 279 टैकल
प्वाइंट हासिल किए हैं। 46 मैचों में 139 प्वाइंट ले चुके सुमित लेफ्ट कॉर्नर की जिम्मेदारी उठाएंगे।
ऐसे में एक बार फिर इनकी जोड़ी डिफेंस में कहर बरपा सकती है। इसके अलावा अबोजार मिघानी
भी टीम में हैं। कुल मिलाकर देखें तो यूपी योद्धा का डिफेंस काफी शानदार नजर आ रहा है।
टीम का कमजोर पक्ष
खिलाड़ियों का खराब फॉर्म पैदा कर सकता है दिक्कतें
यूपी योद्धा के पास परदीप नरवाल और नितिन तोमर के रूप में दो बड़े रेडिंग में सितारे जरूर हैं
लेकिन ये बात भी सच है कि इनका फॉर्म उतना अच्छा नहीं रहा है। नितिन तोमर तो लगातार दो
सीजन से लय में नहीं दिखाई दे रहे हैं और परदीप नरवाल का भी पिछला सीजन उतना अच्छा
नहीं रहा था। ऐसे में अगर एक बार फिर ये दोनों खिलाड़ी नहीं चले तो फिर रेडिंग का सारा
दारोमदार केवल सुरेंदर गिल के कंधो पर आ जाएगा। ये स्थिति यूपी योद्धा के लिए खतरनाक
साबित हो सकती है। टीम के पास रेडिंग में और भी कई ऑप्शन हैं लेकिन वो सभी खिलाड़ी
उतने अनुभवी नहीं हैं और वो ज्यादातर बेंच पर ही दिखाई दे सकते हैं। टीम की ये एक कमजोर
कड़ी कही जा सकती है।