F1 points system: सभी खेलों की तरह फार्मूला 1 में भी अंततः अंक हासिल करने के लिए रेस की जाती हैं। जिसके सबसे अधिक अंक होते है वह सीजन के अंत में खिताब का दावेदार होता हैं। हालांकि यह सुनने में कितना आसान लगता है, उतना आसान है नहीं।
दरअसल फार्मूला 1 रेस में जो अंक प्रणाली काम करती है वह कई जटिलताओं से भरी है। तो आइए यहां 5 आसान स्टेप में समझाते है कि फॉर्मूला 1 का पॉइंट सिस्टम कैसे काम करता है? (How the Formula 1 Points System Works?)
1) F1 स्कोरिंग सिस्टम कैसे काम करता है?
ग्रैंड प्रिक्स के अंत में ड्राइवर की रैंकिंग के आधार पर अंक दिए जाते हैं।
- पहला: 25 अंक
- दूसरा: 18 अंक
- तीसरा: 15 अंक
- चौथा: 12 अंक
- पांचवां: 10 अंक
- छठा: 8 अंक
- सातवां: 6 अंक
- आठवां: 4 अंक
- नौवां: 2 अंक
- दसवां: 2 अंक
चूंकि शीर्ष 10 ड्राइवरों को अंक मिलते हैं, इसलिए जीतना ही सब कुछ नहीं है। पूरे सीज़न में सबसे ज़्यादा जीत हासिल करने वाले ड्राइवर के पास चैंपियनशिप जीतने की गारंटी नहीं होती, क्योंकि हो सकता है कि किसी दूसरे ड्राइवर ने पूरे कैलेंडर में ज़्यादा लगातार नतीजे दिए हों।
2) F1 में किस तरह से अंक इकट्ठा किया जाता हैं?
F1 ने 2019 में अंक हासिल करने के नियमों में एक नया बदलाव करते हुए एक अतिरिक्त अंक देने का निर्णय लिया, जिसमें जो ड्राइवर सबसे तेज लैप पूरा करता था और वह टॉप 10 में भी आता है तो उसे एक्स्ट्रा प्वाइंट मिलता है।
इसके अलावा, 2021 सीज़न में पहली बार Sprint Qualifying की शुरुआत की गई। नंबर एक क्वालीफ़ायर को तीन अतिरिक्त अंक, दूसरे को दो अंक और तीसरे को एक अंक मिलता है।
3) अगर दो ड्राइवरों के समान अंक हों तो?
अगर दो ड्राइवर पिछले ग्रैंड प्रिक्स को समान अंकों के साथ पूरा करते हैं, तो विश्व चैंपियन को जीत की संख्या के हिसाब से ताज पहनाया जाएगा।
अगर दोनों ड्राइवरों की जीत की संख्या समान है, तो रैंकिंग दूसरे स्थान पर रहने वालों की संख्या और फिर तीसरे स्थान पर रहने वालों की संख्या के हिसाब से तय की जाएगी। F1 points system के हिसाब से चैंपियन हमेशा सिंगल ही होगा।
4) F1 में Constructor Rating क्या है?
बता दें कि F1 में दो चैंपियनशिप होती हैं, एक ड्राइवरों के लिए और एक टीमों के लिए होती है।
टीम चैंपियनशिप को कंस्ट्रक्टर्स चैंपियनशिप कहा जाता है और स्कोरिंग सिस्टम ड्राइवर्स चैंपियनशिप जैसा ही है।
उदाहरण से समझिए कि 2024 में मैक्स वर्स्टैपेन और सर्जियो पेरेज़ रेड बुल रेसिंग के लिए कार चला रहे है। तो दोनों ड्राइवरों को जो अंक मिलेगा इसे टोटल करके जितना अंक आएगा वह रेड बुल रेसिंग के टोटल प्वाइंट के बराबर होगा।
5) अगर कोई ड्राइवर सीजन के बीच में टीम बदल ले तो?
F1 points system: अगर ऐसा होता है तो इस ड्राइवर के पॉइंट्स पुरानी टीम में बरकरार रहते हैं और बदलाव होने तक पुरानी टीम के पास हो होते है।
उदाहरण के तौर पर 2016 में वर्स्टैपेन ने सीजन के बीच में टोरो रोसो से रेड बुल में स्विच किया था।
टोरो रोसो ने साल की पहली रेस के दौरान वर्स्टैपेन द्वारा अपनी कार में बनाए गए पॉइंट्स को बरकरार रखा, लेकिन जैसे ही डचमैन ने रेड बुल रेसिंग कॉकपिट में अपनी सीट ली, कंस्ट्रक्टर्स चैंपियनशिप के लिए पॉइंट्स रेड बुल को दिए गए।
ड्राइवरों की रैंकिंग के लिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पायलट किस टीम के लिए ड्राइव करता है।
Also Read: जब एक छोटे से फैन ने Fernando Alonso को दिया सबसे प्यार गिफ्ट