भारत के राज्य उड़ीसा में हॉकी विश्वकप को लेकर क्रेज काफी बढ़ गाय है. लोग को दीवानगी इ हद तक है कि मात्र एक सप्ताह के अंदर ही स्टेडियम के सारे टिकट्स बिक चुके हैं. वहीं उड़ीसा के दोनों मुख्य शहरों राउरकेला और भुवनेश्वर को हॉकी के रंग में रंगा जा चुका है. हॉकी का क्रेज राउरकेला और भुवनेश्वर ही नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में उड़ीसा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से साठ किलोमीटर दूर मूर्तिकार महेश्वर महाराणा अपने मुकुंदा नगर वर्क यार्ड में जीवन रूपी फायबर ग्लास हॉकी स्टिक को आकार दे रहे हैं.
पुरी के महाराणा फायबर ग्लास से बनायेंगे स्टिक
इन हॉकी स्टिक को FIH हॉकी विश्वकप 2023 के दौरान म्ह्त्वौर्ण जंक्शन पर स्थापित होने के लिए प्रयोग किया जाएगा. प्रतीक चिन्हों के रूप में इन्हें मेजबान शहरों राउरकेला और भुवनेश्वर में भी स्थापित किया जाएगा. बता दें ट्रॉफी के पूरी पहुंचने के बाद से ही महाराणा अपने 22 सहायकों के साथ इसी काम में लगे हुए है. उन्होंने इस बारे में बताया कि, ‘मैं प्रेरित हूँ. जब मैने यहाँ विश्वकप ट्रॉफी को पहुंचने के बाद देखा तो मैं दंग रह गया था. हमने 13 जनवरी से उड़ीसा द्वारा आयोजित विश्वकप के लिए पुरी के लोगों की ओर से इस आयोजन के लिए 16 हॉकी स्टिक प्रतीक चिन्ह देने का संकल्प लिया है.’
उन्होंने आगे बताया कि, ‘एक बार यह काम पूरा होने के बाद इन स्टिक्स को भुवनेश्वर और राउरकेला भेज दिया जाएगा. इन छड़ों की लम्बाई 22 फीट लम्बी होगी. और इनका निर्माण पुरी-भुवनेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ पुरी के बाहरी इलाके में मूर्तिकार के यार्ड में किया जा रहा है.’
मूर्तिकार महाराणा ने कहा कि, ‘इन स्टिक्स में फाइबार गिलास सामग्री का इस्तमाल किया जा रहा है. ताकि इन हॉकी स्टिक्स को दूर से देखने पर भी यथार्थ रूप निकल कर सामने आए.’
बता दें यह दूसरा मौका है जब उड़ीसा में हॉकी विश्वकप का आयोजन किया जा रहा है.