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उड़ीसा के राउरकेला में बने दुनिया के सबसे बड़े हॉकी स्टेडियम का शुभारम्भ हुए कुछ ही समय हुआ है. लेकिन वहां पर अभी गड़बड़ी का अंदेशा सामने आया है. बत दें राउरकेला में एक भारतीय हॉकी खिलाड़ी की प्रतिमा को लगाया गया था. जिसकी ऊंचाई 40 फीट थी. लेकिन तेज हवा और आंधी के चलते स्टील से बनी ये प्रतिमा टूट गयी है. बता दें उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक ने हॉकी विश्वकप से पहले ही स्टेडियम और प्रतिमा दोनों का अनावरण किया था.
40 फीट की स्टील मूर्ति हुई क्षतिग्रस्त, सरकार ने बैठाई जाँच
बत दें इस मूर्ति के टूट जाने के बाद से ही सरकार विपक्ष के घेरे में आ गई है. वहीं इसके लिए तुरंत जांच की एक समिति का गठन भी किया जा चुका है. जिसकी लागत करीब तीस लाख 68 हजार रुपए आई थी. और इसे पुरुष हॉकी विश्वकप से पहले ही लगाया गया था.
बता दें जनवरी के महीने में इस मूर्ति को स्थापित किया गया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसका उद्घाटन किया था. बता दें बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम का निर्माण करीब एक साल में पूरा हो चुका था. इतने कम समय में किसी स्टेडियम को तीव्रगति से बनाया गया था.
15 एकड़ की जमीन पर फैला यह स्टेडियम दुनिया का पहला ऐसा स्टेडियम है जो एको फ्रेंडली है. स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की क्षमता 27 हजार है. और यहाँ बैठने के लिए कुर्सियों की स्टाइल ऐसी रखी गई है जिससे की यह मैदान के करीब रहती है. और दर्शकों को मैच करीब से देखने का मौका मिलता है. साथ ही इस स्टेडियम में प्रैक्टिस पिच और चेंजिंग रूम भी बनाया गौ. और इसके लिए टनल बनाई गई है जो इनको जोड़ती है.
वहीं स्टेडियम से दो बड़े होटल भी जुड़े हुए हैं जिसमें देश-विदेश के खिलाड़ी इसमें रुक सकते हैं. स्टेडियम को ऐसे बनाया गया है जो बड़े से बड़े भूकम्प को भी सहन कर सकती है. साथ ही इसे हर मौसम के अनुकूल बनाया गया है. लेकिन ये नुकसान सरकार के काम की पोल खोलते नजर आ रह हैं.