वरिंदर सिंह (Varinder Singh) 1970 के दशक में भारतीय हॉकी टीम का एक ऐसा नाम जिसमें खूब सुर्खियां बटोरी, अपनी कड़ी मेहनत और लगन से भारत में हॉकी को नए आयाम तक पहुंचाया, कहा जाता है उस दशक में वरिंदर सिंह (Varinder Singh) ने हॉकी टीम की सफलताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
1970 के दशक के दिग्गज भारतीय हॉकी खिलाड़ी वरिंदर सिंह (Famous Indian Hockey Player Varinder Singh) ने 1972 में हुए ओलंपिक्स (1972 Olympics Games) और 1975 में हुए वर्ल्ड कप (1975 Hockey WorldCup) में भारत को अपनी कड़ी मेहनत से कांस्य पदक दिलाने में काफी मदद की थी.
दिग्गज खिलाड़ी वरिंदर सिंह अब हमारे बीच नहीं है
हालांकि पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वरिंदर सिंह अब हमारे बीच नहीं है, 28 June 2022 को 75 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया. मगर भारतीय हॉकी टीम को बुलंदियों तक पहुंचाने में जो उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है शायद ही देश का कोई खिलाड़ी या व्यक्ति उसे भूल पाए.
साल 1975 का हॉकी विश्वकप एक ऐसा विश्वकप है जो शायद ही किसी खिलाड़ी को याद ना हो वह अब तक का एकमात्र विश्वकप खिताब है जिसमें भारत ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी पाकिस्तान (Pakistan) को 2 – 1 से हराया था.
साल 1970 के दशक में वरिंदर सिंह भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) के मुख्य खिलाड़ियों में से एक थे उन्होंने कई ऐसी यादगार जीत भारत को दिलाई हैं, जिसको कभी नहीं भुलाया जा सकता, चाहे वह 1974 और 1978 के एशियाई खेलों (Asian Games) में रजत पदक हो या फिर साल 1973 में एम्स्टर्डम में हॉकी विश्व कप में रजत पदक हो.
वरिंदर सिंह ने 1976 में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1976 Summer Olympics) में भी भाग लिया था और भारतीय हॉकी टीम का अहम हिस्सा रहे थे हालांकि उस साल भारतीय टीम कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी और उसे खाली हाथ ही वापसी करनी पड़ी थी.
भारतीय हॉकी के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वरिंदर सिंह को हॉकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए साल 2007 में भारत सरकार द्वारा हॉकी का सर्वश्रेष्ठ सम्मान मेजर ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.