Sunil Chhetri Biography: सुनील छेत्री, भारतीय फुटबॉल के सबसे प्रतिष्ठित नामों में से एक, ने 6 जून 2024 को फुटबॉल से संन्यास की घोषणा की। उनके संन्यास के साथ ही भारतीय फुटबॉल के एक युग का अंत हो गया। छेत्री का करियर न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए जाना जाएगा, बल्कि उन्होंने भारतीय फुटबॉल को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में भी अहम भूमिका निभाई है। सुनील छेत्री को भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। दो दशकों से ज़्यादा के करियर में, सेंटर-फ़ॉरवर्ड ने कई व्यक्तिगत और टीम पुरस्कार जीते हैं। सिकंदराबाद में जन्मे इस फुटबॉलर ने 2002 में मोहन बागान के लिए पदार्पण किया था, इसके बाद उन्होंने 2010 में यूएसए की मेजर लीग सॉकर टीम कैनसस सिटी विज़ार्ड्स के लिए और 2012 में पुर्तगाली फ़ुटबॉल लीग में स्पोर्टिंग सीपी की रिजर्व टीम के लिए खेला। आज के लेख में हम उनके जीवन परिचय के बारे में हिंदी (Sunil Chhetri Life In Hind) में जानेंगे।
प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकंदराबाद, तेलंगाना में हुआ था। उनके पिता, के.बी. छेत्री, भारतीय सेना में थे और माँ, सुशीला छेत्री, नेपाल की महिला राष्ट्रीय टीम की पूर्व खिलाड़ी थीं। फुटबॉल का जुनून उन्हें अपने माता-पिता से विरासत में मिला।
छेत्री ने अपने करियर की शुरुआत मोहन बागान से की, जहाँ उन्होंने 2002-2005 के बीच खेला। इसके बाद वह जेसीटी में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने 2007 तक खेलते हुए 21 गोल किए। जेसीटी में उनके प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह दिलाई।
सुनील छेत्री का अंतरराष्ट्रीय करियर । Sunil Chhetri’s international career
सुनील छेत्री का संन्यास भारतीय फुटबॉल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। अपने करियर के दौरान, छेत्री ने राष्ट्रीय टीम के लिए 150 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 94 गोल किए हैं। इससे वे भारत के सर्वकालिक अग्रणी गोल-स्कोरर बन गए हैं और पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो (128 गोल), ईरान के अली डेई (108 गोल) और अर्जेंटीना के लियोनेल मेस्सी (106 गोल) के बाद दुनिया के चौथे सबसे ज़्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं।
सुनील छेत्री का घरेलू करियर
Sunil Chhetri Biography: सुनील छेत्री ने अपने घरेलू करियर में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने आई-लीग और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में कई क्लबों का प्रतिनिधित्व किया। बेंगलुरु एफसी के साथ उनके करियर का सबसे सफल दौर रहा, जहाँ उन्होंने टीम को कई बार चैंपियन बनाया। दिल्ली में साधारण शुरुआत से लेकर कई जीत और चैंपियनशिप में भारत का नेतृत्व करने तक, छेत्री भारतीय फुटबॉल में एक किंवदंती बन गए हैं। 365 क्लब मैचों में 158 गोल और 150 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 94 गोल के साथ, वह भारतीय फुटबॉल इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में एक स्थायी विरासत छोड़ गए हैं।
व्यक्तिगत जीवन
सुनील छेत्री की पत्नी
सुनील छेत्री की पत्नी सोनम भट्टाचार्य हैं, जो पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी सुब्रत भट्टाचार्य की बेटी हैं। उनकी शादी 2017 में हुई और सोनम हमेशा उनके करियर में सहारा बनी रहीं। छेत्री का कहना है कि सोनम के समर्थन और प्रोत्साहन ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया।
सुनील छेत्री की नेटवर्थ । Sunil Chhetri Net worth in Hindi
मैदान के बाहर, छेत्री ने महत्वपूर्ण वित्तीय सफलता हासिल की है। GQ India के अनुसार, सुनील छेत्री की कुल संपत्ति लगभग 8 करोड़ रुपये है। उनकी संपत्ति उनके फुटबॉल वेतन, आकर्षक विज्ञापनों और स्मार्ट व्यावसायिक उपक्रमों से आती है। छेत्री ने प्यूमा, पेप्सी और टाटा मोटर्स जैसे प्रमुख ब्रांडों के साथ विज्ञापन सौदे किए हैं, जिनमें से प्रत्येक की कीमत कथित तौर पर लगभग 1 करोड़ रुपये है।
संन्यास । Sunil Chhetri Biography
छेत्री ने 6 जून 2024 को अपने संन्यास की घोषणा की, जिससे पूरे भारतीय फुटबॉल समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। हालांकि, उनके करियर की विरासत हमेशा जीवित रहेगी। उनकी नेतृत्व क्षमता, गोल स्कोरिंग की प्रतिभा और फुटबॉल के प्रति जुनून ने उन्हें भारतीय फुटबॉल का चेहरा बना दिया।
सुनील छेत्री के संन्यास (Sunil Chhetri Biography in Hindi) के साथ ही भारतीय फुटबॉल को एक बड़ा झटका लगा है, लेकिन उन्होंने जो प्रेरणा और दिशा दी है, वह आने वाले खिलाड़ियों के लिए मार्गदर्शक साबित होगी। छेत्री ने यह साबित कर दिया कि भारतीय फुटबॉल भी विश्वस्तरीय हो सकता है, बशर्ते उसमें मेहनत, समर्पण और जुनून हो। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और वह भारतीय फुटबॉल के इतिहास में एक सुनहरे पन्ने की तरह हमेशा चमकते रहेंगे।
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