भारतीय महिला हॉकी टीम में ऐसे-ऐसे खिलाड़ी शामिल है जिनका परिवारिक परिवेश चाहे अच्छा ना रहा हो लेकिन उन्होंने अपने खेल से पहचान बनी है. ऐसे में 16 वर्षीय सुनीलिता टोप्पो जिन्होंने भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम में जगह बनाकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. इसके साथ ही उनके प्रदर्शन और काबिलियत को देखते हुए उन्हें हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्र्रीय कोचिंग कैंप के लिए भी बुलाया गया है.
सुनीलिता को आया सीनियर महिला राष्ट्र्रीय कोचिंग कैंप का बुलावा
बता दें सुनीलिता सुंदरगढ़ के कुकुडा गांव की रहने वाली है. उड़ीसा की रहने वाली सुनीलिता को हॉकी से बेहद लगाव रहा है. उड़ीसा के 90 प्रतिशत खिलाड़ी जो हैं वह सुंदरगढ़ से ही आते हैं. इसलिए ही सुनीलिता ने भी हॉकी में ही अपने करियर को बनाना उचित समझा था. महज आठ साल की उम्र से ही वह हॉकी के गुर सीख रही है.
सुनीलिता ने कहा कि, ‘मेरे गांव के ज्यादातर लोग हॉकी खेलते है और वे वहां स्थानीय हॉकी टूर्नामेंट में भी भाग लेते हैं. इससे मुझे आकर्षण हुआ था और आठ साल की उम्र में ही इस खेल को मैं खेलने लगी थी. हालांकि मैंने कभी बड़े स्तर का खिलाड़ी बनने का सपना नहीं देखा था. बस यह खेल खेलना अच्छा लगा और मैं अपना मुकाम बनाती चली गई.’
बता एं सुनीलिता के पिता किसान है और मां गृहणी है. पारिवारिक आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी ऐसे में हॉकी का खिलाड़ी बनना उनके लिए कठिन रहा था. उनका यह सफर काफी संघर्षों से भरा हुआ था. युवा फॉरवर्ड बनना उनके लिए काफी कठिन रहा था. सुनीलिता ने कहा कि, ‘आर्थिक तंगी के कारण मुझे एक हॉकी खिलाड़ी बनने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. लेकिन मेरे परिवार ने मुझे हमेशा आगे बढ़ाया है और मुझ पर विश्वास जताकर मेरा मनोबल बढ़ाया है. उनके आशीर्वाद से मैं आज इस मुकाम पर हूँ.’
एक खिलाड़ी के रूप में अपने लक्ष्य के बारे में पूछने पर उन्होंने बोला कि, ‘मैं ओलम्पिक में खेलना चाहती हूँ और अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूँ.’