उत्तप्रदेश के रामपुर से निकले सुनील कुमार चर्चा का विषय बने हुए है. स्वामी विवेकानन्द और भगत सिंह जैसे महान व्यक्तियों को अपनी प्रेरणा मानने वाले सुनील यूथ आइकॉन बनकर उभरे हैं. कबड्डी खिलाड़ी सुनील यादव युवाओं के लिए प्रेरणा का काम कर रहे हैं. एक छोटे से गांव से निकले सुनील ने राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी प्रतियोगिता में पूरे राज्य का नाम रोशन किया है. और खास बात ये रही कि उन्होंने किसी कोच से कबड्डी के गुर नहीं सीखे बल्कि यूट्यूब से ही वह कबड्डी के खिलाड़ी बने हैं.
यूट्यूब से सीखी कबड्डी और सुनील बना हीरो
तहसील शाहबाद के गांव भंवरका निवासी सुनील यादव के पिता वीर सिंह सामान्य किसान है. और बड़े भाई अनिल यादव भारतीय सेना में सूबेदार हैं. सुनील ने कबड्डी के सरे गुर यूट्यूब के माध्यम से ही सीखे हैं. और उन्होंने सतत परिश्रम करके सफलता की हर सीढ़ी को चढ़ा है. इतना ही नहीं जब कोरोना जैसी गम्भीर समस्या थी तब उन्होंने समाज सेवा करना भी जरी रखा. और उमसें भी बढ़-चढ़कर भाग लिया था. इसके साथ-साथ वह पर्यावरण, जल संरक्षण के लिए 3 राज्यों में साइकिल से चले और गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक भी किया है. इसके लिए उन्होंने साइकिल से पांच हजार किलोमीटर की यात्रा भी तय की थी.
मात्र 23 साल के सुनील अब तक आठ बार रक्तदान भी कर चुके हैं. और करीब 10 हजार से ज्यादा का पौधारोपण भी उन्होंने किया है. साथ ही वह उनका रखरखाव भी करते हैं. इतना ही नहीं वह गांव के युवाओं के लिए हर दम सहायता के लिए खड़े रहते हैं. युवाओं के मुद्दों, रोजगार और सेना भर्ती के लिए वह प्रयासरत रहते हैं. स्वच्छता मिशन में भी उन्होंने काम किया है. और गंगा सफाई के लिए सुनील और उनके साथी बेहद नेक काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं सुनील के इन्हीं प्रयासों के चलते उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुनील यादव को कई बार प्रोत्साहित भी किया है.
वहीं सुनील बताते हैं कि, ‘कुछ समय पहले ही उनके द्वारा किए गए कामों की फाइल राज्यसभा में मंगाई गई है. जिससे कि उनके द्वारा जो काम किए गए है उनकी बात पीएम तक पहुंचाई जा सके.