Chess Challenge : 17 अगस्त 2024 को चेंबूर चिल्ड्रन्स होम में आयोजित शतरंज चैलेंज 2.0 टूर्नामेंट में 12 वर्षीय सुभाष पवार ने अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए परफेक्ट स्कोर 6.0/6 के साथ खिताब अपने नाम कर लिया। इस प्रतियोगिता का आयोजन टीच चेस इंडिया द्वारा किया गया और इसमें कुल 59 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 52 खिलाड़ी चेंबूर के चिल्ड्रन्स होम के थे और 7 अन्य लड़कियां बीकेएन गर्ल्स होम से आई थीं। टूर्नामेंट का मुख्य उद्देश्य बच्चों के बीच शतरंज के प्रति रुचि को बढ़ावा देना था।
Chess Challenge जीतने वाले सुभाष की कहानी
यह टूर्नामेंट विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें भाग लेने वाले अधिकांश बच्चे ऐसे थे जो या तो अनाथ हैं या अपने माता-पिता से दूर रह रहे हैं। यह प्रतियोगिता एक प्रकार से उनके जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भरने का काम कर रही थी। सुभाष पवार ने प्रतियोगिता के सभी छह राउंड में जीत हासिल कर अपने खेल कौशल का परिचय दिया और अंततः विजेता की ट्रॉफी अपने नाम की।
Chess Challenge के विजेता की चाल
इस टूर्नामेंट का आयोजन बहुत ही समर्पण के साथ किया गया था, जिसमें लायंस क्लब ऑफ बॉम्बे अपटाउन ने मुख्य प्रायोजक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टूर्नामेंट में खेलने का समय 10 मिनट + 2 सेकंड प्रति चाल रखा गया था, जो बच्चों के खेल कौशल को बेहतर बनाने के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान कर रहा था। फाइनल राउंड में सुभाष का मुकाबला रितिन महापात्रा से हुआ, दोनों ही 5.0/5 के स्कोर पर थे, लेकिन सुभाष ने रितिन को पराजित कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन
टूर्नामेंट में सुभाष के अलावा अन्य कई खिलाड़ियों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यश घाबाज और रितिन महापात्रा दोनों ने 5-5 अंक के साथ क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। संजना नुनिचा ने बेस्ट गर्ल प्लेयर का खिताब जीता। यह प्रतियोगिता न केवल खेल के लिहाज से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रही, क्योंकि इसने बच्चों के बीच खेल भावना और अनुशासन को बढ़ावा दिया।
इस आयोजन की सफलता का श्रेय उन सभी स्वयंसेवकों को जाता है जिन्होंने अपना समय और ऊर्जा देकर इस प्रतियोगिता को संभव बनाया। टूर्नामेंट के निर्देशक प्रियांका वेद ने विशेष रूप से इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, सागर थोराट, मिहिर वाघेला, रविंद्र पोटावड़, और स्वप्नाली जैसे समर्पित व्यक्तियों ने भी आयोजन की व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
निष्कर्ष
Chess Challenge टूर्नामेंट के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि टीच चेस इंडिया का मिशन न केवल शतरंज को बढ़ावा देना है बल्कि उन बच्चों के जीवन को बेहतर बनाना भी है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। चेंबूर चिल्ड्रन्स होम में शतरंज की इस प्रकार की गतिविधियों ने वहां के बच्चों के बीच खेल के प्रति एक नई रुचि और जुनून पैदा किया है। इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों की मानसिक क्षमताओं को बढ़ावा देते हैं बल्कि उन्हें जीवन में अनुशासन, धैर्य, और एकाग्रता जैसे महत्वपूर्ण गुण भी सिखाते हैं।
सुभाष पवार की इस जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खेल की सही दिशा और मार्गदर्शन मिलने पर बच्चे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। उनकी इस उपलब्धि से प्रेरणा लेकर कई अन्य बच्चे भी शतरंज के प्रति अपने जुनून को निखार सकते हैं और आने वाले समय में उत्कृष्ट खिलाड़ी बन सकते हैं।
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