स्थानीय खिलाडिय़ों को जहां दो साल के अंतराल के बाद नकद पुरस्कार मिल रहे हैं, वहीं स्थानीय स्पोर्ट्स कोच, जो प्रतिभाओं को निखारने के लिए जिम्मेदार हैं, पिछले छह साल से अपने बकाया का इंतजार कर रहे हैं।
कोचोंस्पोर्ट्स कोच का दावा है कि उन्हें 2018 के बाद से कोई नकद पुरस्कार नहीं मिला है। विभाग ने इस अवधि में चार अलग-अलग निदेशक खेल की प्रतिनियुक्ति देखी है।
हाल ही में, चंडीगढ़ स्पोर्ट्स काउंसिल ने 2020-21 और 2021-22 के दौरान राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पहले तीन स्थान हासिल करने वाले खिलाड़ियों के लिए 2,92,16,000 रुपये के नकद पुरस्कार को मंजूरी दी थी।
फॉर्म भरने के दौरान खिलाड़ियों से उनके कोच के विवरण के बारे में पूछा जाता है। कोचों का विवरण दिए जाने के बाद, वे समितियों द्वारा अप्रूव होने पर नकद पुरस्कार के लिए पात्र हो जाते हैं। हालांकि, 2017 के बाद से कोचों को सम्मानित करने के मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
आखिर क्या है समस्या?
चंडीगढ़ खेल विभाग और चंडीगढ़ खेल परिषद के साथ कुल 56 कोच काम कर रहे हैं। विभाग के सूत्रों ने दावा किया कि कोचों के लिए नकद पुरस्कारों को मंजूरी देने में देरी के पीछे कई मुद्दे हैं, उनमें से एक निजी तौर पर कोच चलाने का संचालन है।
एक कोचस्पोर्ट्स कोच ने कहा, “पिछले छह वर्षों में चार निदेशक खेल की प्रतिनियुक्ति की गई है और यह वास्तव में चौंकाने वाला है कि इस संबंध में कोई चर्चा शुरू नहीं की गई है।
‘विभाग स्पोर्ट्स कोच के उपलब्धियों की सराहना नहीं करते’
यह पूछे जाने पर कि क्या खेलो इंडिया गेम्स में पदक जीतने वाली टीमों के साथ जाने वाले कोचों को भी सम्मानित किया जाता है, उन्होंने कहा: “यह पूरी तरह से विभाग पर निर्भर है कि वे खेलो इंडिया गेम्स के दौरान उपलब्धियों के लिए अपने कोचों को सम्मानित करना चाहते हैं।
एक अन्य कोच ने कहा, ‘कोचों को सम्मानित करने की व्यवस्था विभाग को ही शुरू करनी चाहिए। विभाग आमतौर पर कोचों के प्रदर्शन के बारे में पूछता है, लेकिन उनकी उपलब्धियों की सराहना करना भूल जाता है।’
इतने रुपए से किया गया सम्मानित
बता दें कि हाल ही में एथलेटिक (पैरा), साइकिलिंग, तलवारबाजी, कबड्डी, रोलर स्केटिंग, टेबल टेनिस जैसे विभिन्न विषयों के 172 खिलाड़ियों को कुल 1,32,50,000 रुपये का पुरस्कार दिया गया।
वर्ष 2020-21 के दौरान भारोत्तोलन और कुश्ती और एथलेटिक (पैरा), बास्केटबॉल, मुक्केबाजी, साइकिलिंग, तलवारबाजी, जिम्नास्टिक, हॉकी, जूडो जैसे विषयों में कुल 245 खिलाड़ियों को 1,59,66,000 रुपये की राशि से सम्मानित किया गया।
वर्ष 2021-22 के दौरान रोलर स्केटिंग, रोइंग, निशानेबाजी, टेबल टेनिस और कुश्ती। मध्य प्रदेश में हाल ही में संपन्न खेलो इंडिया गेम्स के विजेताओं को भी 8.60 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाना है।
जहां स्थानीय खिलाड़ियों को सम्मानित करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में नाम कमाया है, वहीं स्पोर्ट्स कोच को सम्मानित करने के मामले में अभी तक अधिकारियों की ओर से जोर नहीं दिया गया है।
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