स्पेन ने जीता पहला वीमेन वर्ल्ड कप मुकाबला, स्पेन की महिला खिलाडियों ने इतिहास रच दिया है, ये फीफा के द्वारा आयोजित किया गया पहला वीमेन वर्ल्ड कप मुकाबला था, जो कही प्रयासो के बाद सफल हो पाया था, और कही हफ़्तो की मेहनत के बाद स्पेन और इंग्लैंड टीम की महिलाएँ टीम वर्ल्ड कप के फाइनल मे पहुंची थी, जो इतिहास का बहुत बड़ा पल और इस पल को ट्रॉफी के साथ मजा उठाने मे सिर्फ 90 मिनट का वक़्त बाकी था। इस मुकाबले मे सबसे ज्यादा फेवरेट इंग्लैंड की टीम लग रही थी।
पहले हॉफ मे स्पेन का आक्रामक तेवर
मैच की शुरुआत से स्पेन की महिलाओ ने अपना दबदबा बनाना शुरू कर दिया था। एक समय मे फेवरेट कहलाए जाने वाली इंग्लैंड टीम लड़कड़ाने लग गई, और गलतियाँ करते नज़र आ रहे थे, इसी का फायदा स्पेन की खिलाडी लेने लगी । अब बात यहाँ आ गई की पहला गोल कौन करके अपने प्रतिद्वंदी टीम पर दबाव बनाएगा। अब तक स्पेन ने अपना अट्टेक और तेजी से शुरू कर दिया, जहाँ स्पेन की खिलाडी बहुत ही असमंजस दिखाई दे रही थी और डिफ़ेंस मे बहुत बड़ी गलतियाँ करती नज़र आ रही थी।
इंग्लैंड की लुसी ब्रॉनज द्वारा 29 मिनट वे मिनट मिडफील्ड के गलती के कारण स्पेन की कारमोना को बहुत बड़ा मौका मिल गया। और उन्होंने बिना समय गवाएं अपनी टीम के लिए पहला गोल किया। 29 वे मिनट के पहले गोल से स्पेन अब इंग्लैंड से आगे हो गई थी। अब ये इंग्लैंड की टीम पर था की वो इस हमले का किस तरह से जवाब देने वाली थी। लगातार हॉफ टाइम आने तक इंग्लैंड की टीम ने अपना प्रयास जारी रखा लेकिन इसका उन्हे खासा लाभ नही मिला और हॉफ टाइम मे स्पेन उनसे 1-0 की बढ़त पर थी।
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स्पेन ने जीता अपना पहला महिला वर्ल्ड कप
दुसरे हॉफ मे इंग्लैंड ने काफी बेहतर खेल दिखाया जो इस वर्ल्ड कप की खास बात रही है।मैरी इयरप्स की वीरता ने इंग्लैंड को खेल में बनाए रखा। उसने कुशलता से जेनिफर हर्मोसो पेनल्टी बचाई, जो कि केइरा वॉल्श हैंडबॉल के लिए छह मिनट के VAR चेक के बाद ली गई थी।दोनों टीमों ने एक और गोल के लिए दबाव डाला लेकिन अंत स्पेन ने अपने बड़े पल का फायदा उठाया जबकि इंग्लैंड के लिए यह बहुत दूर था। इंग्लैंड ने अपनी तरफ से भरसक प्रयास किया, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम होती दिखाई दे रही थी।
लेकिन अब इंग्लैंड के लिए ये बहुत ही दूर की बात हो गई थी और पुरे समय मे स्पेन के लिए एक ही गोल काफी था, इस फाइनल को अपने नाम करने मे। अंत मे स्पेन ने महिला वर्ल्ड कप के पहले एडीशं मे अपना नाम सुनहरे अक्षरों पर लिखा। मैच के बाद इंग्लैंड की कप्तान ने कहा इसे लेना सचमुच कठिन है। हमने सब कुछ दे दिया, दिल पर हाथ रख कर। पहले हाफ में हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सके। हमने अपनी लड़ाई दिखायी, अपना चरित्र दिखाया। आज हमारे पास मौके थे, हमने बार मारा और जाहिर तौर पर उन्होंने अपना मौका नेट में डाल दिया। स्पेन की कप्तान ने कहा
लड़कियाँ अविश्वसनीय हैं। इस टूर्नामेंट की शुरुआत में हमारे बहुत सारे आलोचक थे, कुछ ने विश्वास करना बंद कर दिया, लेकिन हमने खुद पर विश्वास करना कभी नहीं छोड़ा। आज भी हमें पूरा विश्वास था की हम ये मुकाबला जीतेगे ।