FIH उड़ीसा हॉकी पुरुष विश्वकप भुवनेश्वर-राउरकेला 2023 के लिए अब सिर्फ 100 दिनों से भी कम समय बचा है. दुनिया के सबसे अच्छे हॉकी स्टेडियम में से एक उड़ीसा में इस आयोजन कि बेसब्री से प्रतीक्षा हो रही है. हर कोई यहां पर आयोजित होने वाले हॉकी विश्वकप में भारतीय टीम काफी जोरो-शोरो से तैयारियां भी कर रही है.
मास्को ओलम्पिक में 1980 में स्वर्ण पदक विजेता और भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान, महान एमएम सोमाय जो दो विश्वकप अभियानों का हिस्सा थे उन्होंने बीते वर्षों कि अपनी यादों को साझा किया है.
हॉकी खिलाड़ी सोमाया ने विश्वकप की यादें साझा कि
1980 के दशक में भारतीय टीम के मुख्य आधारों में एक सोमाया ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि, ‘हम 1982 के विश्वकप में पांचवें स्थान पर रहे थे जो वास्तव में उत्सुकता से लगा गया था और शानदार तरीके का प्रदर्शन किया था.’ सोमाया ने बताया कि, ‘उस वर्ल्डकप में पकिस्तान ने खिताब अपने नाम किया था लेकिन हम भी सेमीफाइनल में अपनी जगह बना सकते थे. हमारे पास एक अच्छी टीम, एक बहुत अच्छी फॉरवर्ड लाइन और एक बहुत अच्छी संतुलित टीम थी.’
उस वर्ल्डकप में सोमाया भी मौजूद थे और टीम एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी थे लेकिन उनके साथी मोहम्मद शाहिद एक बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार थे जिन्हें ड्रिब्लिंग कौशल के लिए याद किया जाता रहा है. मोहम्मद शाहिद के बारे में बात करते हुए सोमाया ने कहा कि, ‘वह एक महान व्यक्तित्व के खिलाड़ी थे और उनके पास शानदार ड्रिब्लिंग का कौशल भी था. 1986 में लन्दन में हुए वर्ल्डकप में शाहिद का टूर्नामेंट शानदार रहा था और वह कई सैलून तक टीम के साथ बने रहे थे.’
भारतीय परुष टीम के बारे में बात करते हुए सोमाया ने कहा कि, ‘भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले एक दशक में काफी कुछ बदला है. मुझे लगता है कि पिछले कुछ 8-10 सालों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने खुद में काफी बदलाव किए हैं और वे बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. और इसी का नतीजा है कि हम विश्व पटल पर हॉकी कि बेहतरीन टीमों में टॉप चार स्थान में शामिल है.