बिहार कबड्डी टीम का हिस्सा बनने के बाद राष्ट्रीय खिलाड़ी रजनी राय पहली बार अपने गृह
जिला सीवान पहुंची. यहां उनका ढोल-नगाड़ों और बैंड बाजा के साथ भव्य स्वागत हुआ जिसके
बाद वो अपने पैतृक गांव जीरादेई के शंकरपुर गांव पहुंची. यहां ग्रामीणों ने जमकर आतिशबाजी
की और माला पहनाकर उनको पूरे गांव में घुमाया. राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी रजनी राय के लिए
यहां सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया था.
सीवान की सांसद कविता सिंह ने रजनी राय को बिहार कबड्डी टीम की हिस्सा बनने पर
बधाई देते हुए कहा कि यह जिले के लिए गौरव की बात है. मेधावी एवं प्रतिभावान रजनी
राय ने तमाम संघर्षों को चुनौती देकर यह मुकाम हासिल किया है और बिहार टीम की हिस्सा
बनकर जिले का मान बढ़ाया है. सीमित संसाधनों और ग्रामीण परिवेश से महिला खिलाड़ियों
का निकलना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है. उन्हें समाज की विभिन्न चुनौतियों और कुरीतियों का
सामना करना पड़ता है जिसके पश्चात वो अपने मुकाम तक पहुंच पाती हैं. रजनी राय ने
अपनी प्रतिभा के दम पर जो उपलब्धि हासिल की है वो हम सभी के लिए गौरव की बात है.
वहीं, जीरादेई के विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि भारतीय परंपरा में कबड्डी का खेल
काफी मायने रखता है. यह पुराने खेलों में से एक है. कबड्डी के विकास के लिए सीवान जिले में
जो भी जरूरत होगी उसके लिए मैं हमेशा तत्पर रहूंगा. उन्होंने कहा कि यह हमलोगों के लिए
सौभाग्य की बात है कि जिले की बेटी रजनी राय राष्ट्रीय खेल में नाम रौशन कर रही है.
48वीं राष्ट्रीय बालिका कबड्डी प्रतियोगिता में सीवान की रजनी राय हुआ चयन –
सीवान के जीरादेई प्रखंड के शंकरपुर गांव की रहने वाली रजनी राय के पिता का नाम परमेश्वर राय है.
राजधानी पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित 48वीं राष्ट्रीय बालिका कबड्डी
प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने पर रजनी का बिहार टीम में चयन हुआ है. सीवान कबड्डी
एसोसिएशन के सचिव और शिक्षक मनोरंजन सिंह बताते हैं कि बेहद साधारण और मध्यमवर्गीय
परिवार से ताल्लुक रखने वाली रजनी के लिए संसाधन की उपलब्धता बेहद चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन
प्रतिभा की धनी रजनी के पास हौसले, परिश्रम और समर्पित प्रयास की कमी नहीं है. रजनी राय
की मेहनत और जज्बे ने उसे गांव की गलियों से खेलते-खेलते आज राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का
अवसर प्रदान किया है.