भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच रहें शोर्ड मारिन
को लेकर इन दिनों हॉकी टीम के खिलाड़ियों में काफी रोष है.
उन्होंने अपनी एक किताब निकाली है जिसमें उन्होंने भारतीय
हॉकी से जुड़ी कई कही-अनकही बातों को लिखा हिया. जिसके चलते
शोर्ड मारिन की किताब पर हाईकोर्ट ने दिया आदेश
उसमें काफी विवादास्पद बातों का भी जिक्र है. वहीं उस किताब में
भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर के स्वास्थ्य को लेकर
भी कई खुलासे किए गए थे. जिसके बाद खिलाड़ियों ने दिल्ली
हाईकोर्ट में इसपर पाबंदी लगाने की याचिका दायर की थी. जिसे
लेकर दिल्ली उच्च न्यायलय ने भारतीय महिला हॉकी टीम के
पूर्व कोच शोर्ड मारिन और उनकी पुस्तक विल पॉवर के
प्रकाशक को किताब पर प्रख्यात खिलाड़ी गुरजीत कौर के स्वास्थ्य
के बारे में जानकारी प्रकाशित करने से रोक दिया है.
एकल न्यायाधीश ने 15 सितम्बर के अपने आदेश में
पुस्तक के विमोचन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था
जिसके खिलाफ कौर ने उच्च न्यायालय का रुख किया जिसकी
खंडपीठ ने यह दिया है. पुस्तक का विमोचन 21 सितम्बर को होना है.
कोर्ट के जज सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ
गुरजीत कौर की स्वास्थ्य जानकरी नहीं होगी प्रकाशित
ने हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मारिन को
किताब या कौर की स्वास्थ्य स्थिति से सम्बन्धित सामग्री को प्रकाशित करने
से रोक दिया है. पीठ ने कहा कि यह तर्क भी प्रकाशन के काम
नहीं आ सकता कि कौर के साथियों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बार
में पता है. अदालत ने कहा कि वे भी प्रथम दृष्टया आचार संहिता
के प्रति बाध्य है जो स्पष्ट रूप से उन्हें उक्त जानकारी को तीसरे पक्ष से साझा करने से रोकती है.
इस मामले में कौर ने कहा कि लेखक ने गोपनीयता संहिता का घोर
उल्लंघन करके पुस्तक में उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कुछ
गोपनीय जानकारी प्रकट करने का प्रयास किया है. जबकि वह
भारतीय हॉकी टीम के कोच रहते हुए गोपनीयता संहिता के प्रति बाध्य थे
और कोच रहते हुए ही उन्हें उनके स्वास्थ्य के बारे में पता चला था.
बता दें मामले की अगली सुनवाई साथ दिसम्बर को होगी.