Manu Bhaker: रविवार को जब मनु भाकर निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं और उन्होंने पेरिस ओलंपिक में देश का खाता खोला, तो उनके प्रदर्शन से पता चला कि भारत को पेरिस में 117 एथलीटों के मौजूदा दल से बड़ी उम्मीदें क्यों हैं।
Manu Bhaker कहां की रहने वाली हैं?
हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव और चरखी दादरी जिले के कलाली गांव में जश्न का माहौल था। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर के पैतृक और ननिहाल गांव भी इसी गांव में हैं। पेरिस ओलंपिक से पहले की घटनाओं ने भाकर को अधिक केंद्रित और परिपक्व दिखाया। उन्होंने लगातार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मजबूत प्रदर्शन किया, जिससे उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की उनकी क्षमता का प्रदर्शन हुआ। अथक प्रशिक्षण और पिछले अनुभवों के माध्यम से उनका अटूट ध्यान और मानसिक दृढ़ता उनकी सबसे बड़ी संपत्ति बन गई।
भाकर पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं। गोरिया गांव में रहने वाले भाकर परिवार में गांव के बच्चों के साथ-साथ रिश्तेदार भी मौजूद थे।
भारत की प्रतिभाशाली शूटर, मनु भाकर, ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में एक बार फिर से अपनी श्रेष्ठता साबित की है। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने न केवल भारत को गर्व महसूस कराया बल्कि नए रिकॉर्ड भी स्थापित किए।
Manu Bhaker का प्रारंभिक जीवन
मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था। उनके पिता राम किशन भाकर एक मैरीन इंजीनियर हैं और माता सुमेध देवी एक स्कूल टीचर। मनु का शुरुआती जीवन सामान्य था, लेकिन उनकी खेलों में रुचि बचपन से ही थी। उन्होंने शुरुआत में मुक्केबाजी, टेबल टेनिस, स्केटिंग और मल्लखंभ जैसे विभिन्न खेलों में हाथ आजमाया। लेकिन अंततः उन्होंने शूटिंग को अपना करियर चुना।
मनु को करियर की शुरुआत
मनु भाकर ने 2017 में राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने 2018 में मेक्सिको के गुआडालाजारा में हुए ISSF वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें दुनियाभर में पहचान दिलाई और उन्हें भविष्य की महान शूटर के रूप में देखा जाने लगा।
पेरिस ओलंपिक्स 2024 में प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक्स 2024 में मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में शानदार स्कोर कर सभी को प्रभावित किया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारत को गर्व महसूस कराया बल्कि उन्हें ओलंपिक इतिहास में भी अमर कर दिया।
पेरिस ओलंपिक में, भाकर ने आखिरकार ओलंपिक पदक के अपने सपने को साकार किया। 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उनका कांस्य पदक प्रदर्शन न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा के लिए बल्कि भारतीय निशानेबाजी के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है। भारतीय ध्वज में लिपटे पोडियम पर भाकर का नजारा पूरे देश में लाखों लोगों के दिलों में गूंज उठा, जिसने युवा लड़कियों की एक पीढ़ी को अपने खेल के सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।
सफलता की कुंजी
मनु भाकर की सफलता का राज उनकी मेहनत, समर्पण और अनुशासन में छुपा है। वे अपने कोच और परिवार की मार्गदर्शन में निरंतर प्रैक्टिस करती रहीं। उनके पिता का कहना है कि मनु बचपन से ही किसी भी काम को पूरी लगन और मेहनत से करती थीं। उनका यही समर्पण और मेहनत उन्हें आज इस मुकाम तक लेकर आया है।
Manu Bhaker की अन्य उपलब्धियां
मनु भाकर ने अपने करियर में कई अन्य प्रमुख उपलब्धियां भी हासिल की हैं। उन्होंने 2018 में युथ ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और विभिन्न विश्व चैंपियनशिप में भी कई पदक जीते हैं। उनकी उपलब्धियों की सूची लंबी है और वे निरंतर इसमें नए आयाम जोड़ रही हैं।
चुनौतियां और संघर्ष
मनु भाकर के करियर में कई चुनौतियां और संघर्ष भी आए। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हर चुनौती का डटकर सामना किया। उन्होंने कई बार मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ाया।
Manu Bhaker भविष्य की योजनाएं
मनु भाकर अभी भी अपने करियर के शिखर पर हैं और उनका लक्ष्य भविष्य में और भी बड़े पदक और रिकॉर्ड हासिल करना है। वे निरंतर अपनी प्रैक्टिस और तकनीक को सुधारती रहती हैं और उनकी नजरें अब आने वाले ओलंपिक्स और विश्व चैंपियनशिप पर हैं।
निष्कर्ष
Manu Bhaker न केवल भारत की बल्कि पूरे विश्व की एक महान शूटर हैं। उनका समर्पण, मेहनत और अनुशासन सभी के लिए प्रेरणादायक है। पेरिस ओलंपिक्स 2024 में उनकी उपलब्धि ने उन्हें एक बार फिर से शीर्ष पर पहुंचा दिया है और वे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करने के लिए तैयार हैं। मनु भाकर की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है।
भाकर की उपलब्धि महज एक पदक से बढ़कर है। वह अब उम्मीद की किरण हैं, खासकर भारत में महत्वाकांक्षी महिला एथलीटों के लिए। उनकी कहानी विपरीत परिस्थितियों में समर्पण, कड़ी मेहनत और दृढ़ता की शक्ति का उदाहरण है। अपनी प्रतिभा और बढ़ते अनुभव के साथ, भाकर भारतीय निशानेबाजी में एक अग्रणी हस्ती बनने के लिए तैयार हैं और खेल के सभी विषयों में युवा लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
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