सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को नेपाल के क्रिकेटर संदीप लामिछाने (Sandeep Lamichhane) पर लगे यात्रा प्रतिबंध को हटाने का आदेश जारी किया।
पाटन उच्च न्यायालय द्वारा 12 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार, क्रिकेटर के विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और काठमांडू से बाहर निकलते समय पुलिस को सूचित करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, आरोपी को 13 जनवरी को 20 लाख रुपये की जमानत के बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया था।
लामिछाने (Sandeep Lamichhane) जो वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं, उन्होंने आईसीसी विश्व कप लीग 2 की चल रही त्रिकोणीय श्रृंखला में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया था, जो 27 फरवरी से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शुरू हुई थी।
क्रिकेटर की याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए, न्यायमूर्ति ईश्वर प्रसाद खातीवाड़ा की एकल पीठ ने 24 जनवरी को प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया। इसके बाद, 31 जनवरी को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए अटॉर्नी जनरल ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
अदालत ने Sandeep Lamichhane के हक में सुनाया फैसला
अदालत ने इसके बाद लामिछाने की याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई की और न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति कुमार चुडाल की खंडपीठ ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। बता दें कि संदीप पर नाबालिग के साथ यौन दुष्कर्म का आरोप लगा है, जिसके खिलाफ कानूनी कारवाई चल रही है।
संदीप पर रेप का आरोप
काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग ने पिछले साल 6 सितंबर को मेट्रोपॉलिटन पुलिस सर्कल गौशाला, काठमांडू में क्रिकेटर के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
बाद में क्रिकेटर ने घोषणा की कि वह कानूनी आरोपों का सामना करने के लिए 6 अक्टूबर को नेपाल लौट आएंगे। जब वह हवाईअड्डे पर उतरे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दे कि जब नेपाल ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सीडब्ल्यूसी त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए अपनी टीम का नाम दिया तो उसमें से Sandeep Lamichhane का नाम गायब था।
नेपाल क्रिकेट संघ (CAN) द्वारा 26 फरवरी को अंतिम टीम की घोषणा करने से पहले उन्हें 15 सदस्यीय अस्थायी टीम से शुरू में बाहर कर दिया गया था।
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