15वें पुरुष हॉकी विश्वकप को शुरू होने में बस कुछ ही दिन शेष हैं. इस बार का हॉकी विश्वकप का आयोजन भारत में ही होने जा रहा है. भारत के उड़ीसा में भुवनेश्वर और राउरकेला के दो शहरों में ही इसका आयोजन किया जा रह है. भारत ने इस सफर के लिए भारतीय हॉकी टीम की कमान हरमनप्रीत सिंह को सौंपी है. जबकि ओलम्पिक में पदक दिलाने वाले कप्तान मनप्रीत सिंह बतौर खिलाड़ी खेलते नजर आएंगे. बता दें साल 1975 में भारतीय हॉकी टीम ने मलेशिया के क्वालालम्पुर में तिरंगा लहराया था.
साल 1975 में चैंपियन बनने के बाद फिर है मौका
टीम इंडिया के चैंपियन बनने के बाद भारतीय खिलाड़ियों के चेहरे पर ख़ुशी लाजवाब थी. तिरंगा फहराते समय जो ख़ुशी खिलाड़ियों के चहरे पर थी वह देखने लायक थी. साल 1975 में विश्वकप में बहर्तीय हॉकी टीम के सफर पर एक नजर डालते है तो टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था. लीग मैचों में इंग्लैंड की टीम को 2-1 के अंतर से हराया था. उसके बाद भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 1-1 से ड्रॉ खेला था. वहीं घाना को भी एक तरफा मुकाबले में 7-0 से मात दी थी. उसके बाद इंडियन टीम अर्जेंटीना से 2-1 से हारा था. वहीं जर्मनी को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी.
सेमीफाइनल मुकाबले कि बात करें तो टीम इंडिया ने मलेशिया को 3-2 से हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. इसके बाद फाइनल मैच में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को हराते हुए भारतीय टीम ने पहली बार विश्वकप अपने नाम किया था. इस मैच में 2-1 से पाकिस्तान को हराया था. वहीं पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
48 साल बाद फिर से भारतीय टीम के पास मौका है की सरजमी पर ही विश्वकप जीते और विश्व में परचम लहराए. टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने कांस्य पदक जीतकर सभी के दिलों में उम्मीद जगा दी है कि भारत एक बार फिर हॉकी विश्वकप अपने नाम कर सके.