भारत के उड़ीसा में लगातार दूसरी बार पुरुष हॉकी विश्वकप का आयोजन करने जा रहा है. इसका आयोजन होने में अब कुछ ही दिनों का समय शेष रहा है. 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस विश्वकप की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है. भारत के प्रदर्शन की बात करें तो भारत ने आखिरी और पहली बार विश्वकप का खिताब साल 1975 में जीता था. उसके बाद से भारत एक बार भी खिताब जीतने में कामयाब नहीं हुआ है. 47 बाद फिर से दर्शकों को आशा है कि भारतीय टीम इस बार यह खिताब जीतने में कामयाब हो पाएगी.
साल 1975 में भारतीय टीम ने जीता था पहली बार विश्वकप
इससे पहले के विश्वकप में भी भारतीय टीम से दर्शकों ने ऐसे ही आस जगाई थी लेकिन भारतीय टीम नने दर्शकों के इस सपने को तोड़ दिया था. साल 2018 में भुवनेश्वर में हुए वर्ल्डकप पर अगर नजर डाले तो भारतीय टीम का प्रदर्शन कैसा रहा इस पर नजर डालते हैं.
सबसे पहले लीग मैच कि बात करें तो भारतीय हॉकी टीम अपने ग्रुप में टॉप पर रही थी. उसका सबसे पहले मैच साउथ अफ्रीका से हुआ था जिसमें उन्होंने 5-0 से हराया था. बेहतरीन प्रदर्शन को लगातार जारी रखते हुए उन्होंने कनाडा टीम को 5-1 से हराया था. दोनों मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत का तीसरा मैच बेल्जियम के साथ हुआ था. उस विश्वकप की विजेता टीम बेल्जियम के साथ खेलते हुए भारत ने मैच 2-2 से ड्रॉ करा दिया था.
भारत ने लीग स्टेज में शानदार प्रदर्शन कर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन भारतीय टीम का सफर यहीं पर खत्म हो गया था. नीदरलैंड के खिलाफ मैच में उन्होंने पहला गोल कर टीम पर दबाव जरुर बनाया था. लेकिन इसके बाद टीम ज्य्यादा कमाल नहीं कर पाई थी. वहीं क्वार्टरफाइनल में नीदरलैंड ने फिर भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. और भारत को 2-1 से हरा दिया था. और इसी के साथ भारतीय टीम विश्वकप से बाहर हो गई थी.
वहीं इस विश्वकप में भारतीय टीम को पूल डी में रखा गया है. उसके साथ इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स जैसी टीमें शामिल है.