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भारतीय महिला टीम की दिग्गज खिलाड़ी रानी रामपाल एक कार्यक्रम में शामिल हुई थी. जिसमें रानी ने अपनी जर्नी के बारे में बात कि थी. इसके साथ ही उन्होंने अपने अनुभवों को भी साझा किया था. साथ ही टोक्यो ओलम्पिक में खेले गए प्रदर्शन के बारे में बात कि थी. रानी ने कहा कि उन्हें इस बात कि ख़ुशी है कि महिलाओं को भी इस खेल में तवज्जो मिल रही है.
रानी ने टोक्यो ओलम्पिक को लेकर दिया बयान
उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि, ‘महिलाओं के इस खेल को लोगों ने बहुत देखा है. और बहुत उत्साहवर्धन भी किया है. टोक्यो ओलम्पिक के खेल को लोगों ने दिल से देखा है. और दर्शकों ने भी उन्हें पूरे दिन से चीयर किया है. हमको टूर्नामेंट से पहले लग रहा था कि हम इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे. लेकिन बाद में हमने अच्छा प्रदर्शन किया है.’
अपनी जर्नी के बारे में उन्होंने बताया था. इसके बारे में उन्होंने बात कि कैसे संघर्ष कर उन्होंने खेल खेला है. रानी ने आगे बताया कि पहले तो उनके घरवाले हॉकी खेलने के लिए राजी नहीं हो रहे थे. लेकिन मैंने माता-पिता को कहा कि हॉकी खेलना चाहती हूँ इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि रिश्तेदार और समाज वाले क्या सोचेंगे. रानी रामपाल ने बताया कि उन्होंने अपने गांव में सात साल की उम्र में ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया था. उस समय लड़कियों को बाहर आने की अनुमति नहीं थी. छोटे शॉर्ट्स के साथ खेलना तो और कठिन होता था. लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और खेलना जारी रखा था.
बता दें रानी रामपाल ने FIH महिला हॉकी प्रो लीग 2021-22 में बेल्जियम के खिलाफ खेलें के बाद इस साल की शुरुआत में वापसी की थी. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के दौरे से भारतीय टीम में वापसी की थी. हॉकी प्रो लीग में रानी ने 250 वां मैच खेला था. बता दें 28 वर्षीय रानी टोक्यो ओलम्पिक के बाद से ही चोट से जूझ रही थी. लेकिन उन्हों मेहनत क्र वापसी से हॉकी में वापसी की है. और रानी को अन्तर्राष्ट्रीय टीम में फिर से लिया गया है.