Image Source : Google
खेलो इंडिया गेम्स का आयोजन किया गया था. जिसमें राजस्थान के अलवर जिले के निवासी जय भगवान ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. इस जीत के साथ ही उन्होंने कहा कि 14 साल की उम्र से ही कबड्डी खेल रहे हैं. घर की आर्थिक स्थित ठीक नहीं थी. इसके चलते उन्होंने कबड्डी को बारीकी से सीखा और इसे ही अपने करियर के रूप में चुना था. अपने कौशल के चलते उन्होंने युवा कबड्डी सीरीज के समर एडिशन में जगह भी बना ली थी.
जय भगवान ने खेलो इंडिया गेम्स में जीता गोल्ड
इस सीरीज में जगह बनाने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा था और प्रो कबड्डी लीग में भी जगह बना ली थी. प्प्रो कबड्डी लीग में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि, ‘मेरे पिता मेरी सबसे बड़ी ताकत थे उन्होंने मुझे काफी सराहा दिया था. लेकिन आज वह मेरे साथ नहीं हैं.’
बता दें जय भगवान को स्कूल के समय से ही कबड्डी खेलने का शौक था. तब भी उन्होंने स्कूल की ओर से कई मेडल और खिताब अपने नाम किए थे. जूनियर टीम से उन्होंने नेशनल में जगह बनाई थी. जय भगवान को कोरोना काल के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा था. इसके बाद खेलों इंडिया में उन्होंने कोटा यूनिवर्सिटी की ओर से प्रदर्शन किया था. जिसमें भी उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था. इतना ही नहीं वह प्रो कबड्डी लीग में यू मुम्बा की ओर से खेलते हैं.
18 साल के इस धुरंधर रेडर ने अब तक इस सीजन के टूर्नामेंट में टीम के लिए कई रेड अंक हासिल किए थे.. हालांकि विवो प्रो कबड्डी लीग में खेलने जय भगवान के लिए आसान नहीं रहा है. उन्होंने काफी मेहनत और लगन के साथ ही इस मुकाम को हासिल किया है. खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 में भी उनके प्रदर्शन को सराहा गया था.
