इंडोनेशिया के फुटबाल हादसे मे पोलिस द्वारा टीयर गैस चलाए जाने पर उठे सवाल। अपने होम टीम की हार ना झेल पाने पर कुछ फैंस स्टेडियम पर उतर गए।
उन लोगो को काबू करने के चक्कर मे पोलिस ने पहले भरपूर कोशिश कि पर भीड़ काबु ना होने पर पोलिस ने टियर गैस का इस्तेमाल कर दिया जिससे हफ्रा – तफ्री का माहौल हो गया।
कही लोग अपनी जान बचाने को स्टेडियम से यहाँ वहाँ भागते दिखाई दिए नज़ारा बिल्कुल ब्यवाह् बन चुका था। स्टेडियम से बचे हुए कुछ लोगो ने बयान दिया कि पोलिस ने पिच पर आए फैंस पर ही नही बल्कि जो फैंस शांति से स्टैंड्स पर खड़े थे उनके उपर भी टीयर गैस फायर कि थी वो भी बिना किसी सूचना के। इसी वजह से वहाँ कोलाहल हो गया।
बड़ी संख्या में भागने के लिए हाथापाई की गई, जिससे एक घातक भीड़ उमड़ पड़ी जिसमें कई लोगों का दम घुट गया या वे कुचल गए। अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में 17 बच्चे भी शामिल हैं।
एक फैन ने कहा कि वो गैस का धुआँ पुरी तरह हवा मे फैल गया था जिससे मेरा दम घुटने लगा था और बाहर भी नही निकल पाया क्यूँकि बाहर जाने के रास्ते पर इतनी भीड़ उमड़ पड़ी थी इससे मेरा गला भी सुखने लगा। अपने जीवन मेने इससे बयावह मंजर कभी नही देखा था ऐसा लग रहा थी मेरी मौत यही हो जाएगी।
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फीफा स्टेडियम सुरक्षा मार्गदर्शन जिसमें कहा गया है कि भीड़ नियंत्रण गैस को स्टेडियम के अंदर स्टीवर्ड या पुलिस द्वारा ले जाया या इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। फिर भी ऐसा हुआ जो वाकई मे निधनिय है।
सोमवार को, युवा और खेल मंत्री ज़ैनुद्दीन अमली ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मूल्यांकन करने के लिए राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख जनरल लिस्ट्यो सिगिट प्रबोवो के साथ मलंग जाने के लिए कहा है और वे इसकी जाँच मे तुरंत अग्रसर होंगे।