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व्यक्ति में अगर जज्बा जग जाए तो वो कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही जुनून मिर्जापुर के रहने वाले पवन भाटी के हुआ है. और उन्होंने कबड्डी खेल को अपनाकर अपना मुकाम हासिल किया था. पवन ने खेलों इंडिया में जाने का सपना पूरा किया था. इतना ही नहीं कई बात उनके घरवालों ने उन्हें इस खेल को छोड़ने की सलाह भी दी थी. कई बार वह चोटिल होकर घर पहुंचते थे तो उनके माता-पिता उन्हें इस खेल को छोड़ने की बोलते थे.
पवन भाटी ने अपनी लगन से पाई खेलों इंडिया में जगह
वहीं पवन के जज्बे के आगे सभी को झुकने पर मजबूर कर दिया था. स्कूल स्तर पर उन्होंने कबड्डी खेलने की शुरुआत की थी. इसके साथ ही उनका सफर फिर रुका नहीं और उन्होंने भी पीछे मुड़कर देखा नहीं. इसके साथ ही पवन ने खेलों इंडिया में अपनी जगह को पक्का कर लिया था. निलौनी मिर्जापुर के रहने वाले पवन ने गांव से ही अपनी प्राथमिक शिक्षा पूर्ण की थी. इसके बाद स्कूल से खेल कलस्टर में कबड्डी का चयन हुआ था.
इसके बाद कबड्डी की बारीकियों को सीखने के लिए उन्होंने कबड्डी का प्रशिक्षण लेना उचित समझा. चार साल प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने जिला स्तर, स्टेट स्तर और नेशनल स्तर पर खेलना शुरू किया था. वहीं पिछले साल रोहतक यूनिवर्सिटी में हुए गेम्स में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. इसके बाद उनका चयन खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए हुआ था.
बता दें उन्होंने बहुत परिश्रम और मेहनत के साथ इस मुकाम को हासिल किया था. इसके साथ ही खिलाड़ियों के लिए काफी प्रेरणा का काम भी किया है. उनके गांव के युवा और खिलाड़ी अब उन्हेना अपनी प्रेरणा मानकर उनसे सीख ले रहे हैं. वीर बहादुर पूर्वांचल यूनिवर्सिटी से वह भी बीए कर रहे हैं. और यहीं से वह कबड्डी की बारीकियां भी सीख रहे हैं.
