विवो प्रो कबड्डी लीग के नौवें सीजन का आगाज होने में कुछ ही दिनों का समय बचा है.
पिछले सीजन में दिल्ली चैंपियन बना था. और हर सीजन में इस लीग की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.
इस बार भी उम्मीद की जा रही हैं कि इस सीजन में
कबड्डी का रोमांच अब तक के सबसे ऊपरी स्तर पर होगा.
इस बार भी कुछ 12 टीमें इस टूर्नामेंट का हिस्सा हैं.
जानिए विवो प्रो कबड्डी लीग के कुछ मुख्य नियम
12 टीमों के बीच कुल सौ से ऊपर मैच खेले जाएंगे. जानिए प्रो कबड्डी लीग के नियम क्या है.
प्रो कबड्डी लीग में हर टीम में कुल 12 खिलाड़ी होते है.
इन बारह खिलाड़ियों में केवल खिलाड़ी पाली में खेलते हैं.
बचे हुए पांच खिलाड़ी सुरक्षित रहते हैं जिन्हें कप्तान किसी विशेष परिस्थिति में इस्तेमाल करता है.
कबड्डी-कबड्डी का उच्चारण करते हुए दूसरी टीम के पाले में जाने वाले खिलाड़ी को रेडर कहते हैं.
रेडर अगर विरोधी टीम के पाले में सांस तोड़ता है तो उसे आउट करार दिया जाता है.
प्रो कबड्डी लीग में हा र्मैच 40 मिनट का होता है. दो हाफ 20-20 मिनट के होते हैं.
दोनों हाफ के बीच में पांच मिनट का ब्रेक टाइम होता है. वहीं महिलाओं के लिए दोनों हाफ टाइम 15 मिनट का होता है.
पूरी टीम को अगर कोई दूसरी टीम आउट कर देती है तो उसे दो अतिरिक्त अंक मिलते है.
इस अंक को लोना कहते है. जो खिलाड़ी पहले आउट होता वह पहले जीवित होकर भी मैदान पर आता है.
रेड से लेकर पॉइंट तक के सारे नियम
मैच पर नजर बनाए रखने के लिए मैदान पर एक अंपायर समेत एक टीवी अंपायर और एक रेफरी होते है.
किसी भी खिलाड़ी का कोई शरीर का हिस्सा मैदान के बाहर टच नहीं होना चाहिए
नहीं तो उसे करार दिया जाता है. अगर किसी टीम के एक से ज्यादा खिलाड़ी विरोधी खेमे
में रेड के लिए चले जाते हैं तो रेफरी उनको वापिस भेज देता है.
साथ ही वह उस टीम से रेड का मौका भी छीन लेती है.
जो भी टीम टॉस जीतती है उसके पास विकल्प होता है कि या तो वह
पहले हाफ के लिए पाले का चुनाव करे या पहला आक्रमण करे.
अगर तय समय में मैच का निर्णय होता है तो ठीक है नहीं तो रेफरी दोनों टीमों को अतिरिक्त 5-5 अंक देते हैं.