राजस्थान के नागौर में राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन धूम-धाम से सम्पन्न हुआ था. जिसमें नागौर टीम ने शानदार तरीके से जीत दर्ज की है. इसमें नागौर टीम की मुख्य खिलाड़ी प्रियंका ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया है. प्रियंका को स्टेट में श्रेष्ठ खिलाड़ी का सम्मान भी मिला है. छोटी सी उम्र में प्रियंका ने सभी अन्य खिलाड़ियों से लोहा ले रही हैं. नागौर जिले के छोटे से गांव पोटलिया मांजरा की रहने वाली प्रियंका के पिता नहीं है लेकिन उसने अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम को पाया है.
नागौर टीम के लिए प्रियंका का शानदार प्रदर्शन
प्रियंका के बारे में बात करें तो प्रियंका के कुल छह भाई-बहन है और उनकी माँ गृहणी है. पिता के नहीं होने से बच्चों के पढ़ने-लिखने का खर्चा उठाने में काफी मुश्किल होती है. इसे में प्रियंका ने खेल में बेहतरीन प्रदर्शन कर उनके परिवार के लिए एक उम्मीद की किरण बनी है. वहीं उन्होंने गांव का नाम भी रोशन किया है. पोटलिया मांजरा गांव की ग्राम पंचायत रायधनु के स्न्पंच ओमाराम भादु ने बताया कि प्रियंका ने पिछले साल अलवर में आयोजित राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में भी बेस्ट प्लेयर का खिताब जीता था.
बेहद गरीबी में गुजारा कर रहा है प्रियंका परिवार
अभी कि बात करें तो प्रियंका ने टूर्नामेंट के दौरान चारों मैचों में कुल 18 गोल किए हैं और नागौर की टीम को खिताब दिलाया है. टूर्नामेंट में नागौर की टीम ने कुल चार मैच ही खेले हैं जबकि तीन मैचों में सामने वाली टीमें नहीं पहुंचने के कारण बाई मिल गई थी. खेले गए चार मैच में बूंदी के विरोध में 12 में से 7 गोल प्रियंका ने किए थे. वहीं हनुमानगढ़ टीम के सामने प्रियंका ने टीम के 5 गोल में से 3 गोल किए थे. वहीं अलवर के खिलाफ भी प्रियंका ने 3 गोल किए थे.
जकी फाइनल मैच सीकर के खिलाफ खेला गया था और उसमें 5 गोल अकेले प्रियंका ने किए थे.
बता दें पोटलिया गांव से इस टूर्नामेंट में नागौर टीम के लिए तीन खिलाड़ियों को शामिल किया गया था.