पूर्व हॉकी कोच शोर्ड मारिन की बुक को लेकर काफी समय से बवाल मचा है. काफी समय से हॉकी इंडिया और इसके खिलाड़ी ने भी पूर्व कोच के लिए काफी कुछ कहा था और उनके खिलाफ कोर्ट में शिकायत भी दर्ज की थी. इसके लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर के मेडिकल से सम्बन्धित किसी भी जानकरी को प्रकाशित करने से रोकने के लिए हाई कोर्ट के पहले आदेश और महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम के पूर्व कोच शोर्ड मारिन के अनुसार उठाए गए कदमों पर प्रतिक्रिया मांगी है.
शोर्ड मारिन की किताब पर हाई कोर्ट की रोक
हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ने 6 अक्टूबर को कहा कि, ‘हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पेश हुए विद्वान् वकीन के अनुरोध पर उन्हें रिकॉर्ड पर रखने के लिए उनके द्वारा अनुपालना के लिए उठाए गए सभी कदम इस कोर्ट के आदेश दिनांक 19.09.2022 द्वारा जारी निर्देशों के साथ वर्तमान अवमानना याचिका की सुनवाई स्थगित की जाती है.’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘याचिकाकरता की ओर से उपस्थित विद्वान् वकीन को अग्रिम प्रति उपलब्ध कराने के बाद अज से एक सप्ताह के भीतर सम्बन्धित सामग्री को एक हलफनामे समर्थन में रिकॉर्ड पर रखा जाए.’ इसके बाद मामले की अगली सुनवाई अब 7 दिसम्बर को है.
हाई कोर्ट कौर द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था. जिसमें याचिकाकर्ता के वकीन ने तर्क दिया कि कोलकाता के एक व्यक्ति ने अमेजोन पर मारिन की किताब विल पॉवर का प्री आर्डर किया था और 24 सितम्बर को एक बुक प्राप्त किया था पांच दिन बाद हाईकोर्ट का रोक आदेश उसने प्रस्तुत किया कि उसी दिन प्रकाशक के साथ-साथ अमेजोन को भी अवमानना का नोटिस दिया था लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. बता दें कि 21 सितम्बर को बुक रिलीज होने वाली थी लेकिन 19 को ही हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी.