दिल्ली हाई कोर्ट में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच शोर्ड मारिन की पुस्तक को लेकर काफी समय से केस चल रहा है. इसमें दो भारतीय हॉकी खिलाड़ी और हॉकी इंडिया ने याचिका दायर कर दी थी. जिसको लेकर कोर्ट ने जवाब देने के लिए समय दे दिया है. वहीं हॉकी खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने हार्पर कॉयलिन्स पब्लिशर्स इंडियन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मारिन की ‘विल पॉवर : द इनसाइड स्टोरी ऑफ़ इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वुमेन हॉकी’का दावा करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका के जवाब के लिए दिया टाइम
इसके लिए उन्होंने मानहानि का केस भी लगाया था. वहीं गुरजीत कौर ने दावा किया कि पुस्तक में उनकी चिकित्सा सम्बन्धी जानकारी के बारे में खुलासा किया गया है. बता दें कोर्ट ने पहले किताब में कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित किया था.
वहीं वकील वृंदा ग्रोवर ने शुक्रवार को पूर्व कोच के लिए पेश हुए और कहा कि अभी तक पुस्तक प्रकाशित नहीं हुई है. वहीं उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के सम्बन्ध में लेखक कथित रूप से आपत्तिजनक बातें लिखने के लिए तैयार थे. वहीं खिलाड़ियों की ओर से वकील शील ने कहा कि उन्होंने इस पहलू से गुरजीत से नहीं पूछा है लेकिन मनप्रीत को नुकसान हुआ है और वह यह मुकदमा नहीं छोड़ सकते हैं. मनप्रीत को पहले ही नुकसान हो चुका है और नुकसान का दावा जारी है. मनप्रीत कहा कहना है कि मानहानि का केस है और मैं इसे नहीं छोड़ सकता.
मनप्रीत ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि मारिन इस किताब में उनके लिए काफी अपमानजनक बातें लिखी है और इससे उन्हें काफी ठेस पहुँची है. वहीं एक अन्य खिलाड़ी गुरजीत कौर ने कहा कि पुस्तक में उनकी बेमारी का खुलासा किया गया है.
बता दें अदालत ने इससे पहले पुस्तक में कथित आपत्तिजनक सामग्री के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित किया था.