FIH उड़ीसा हॉकी पुरुष विश्वकप भुवनेश्वर-राउरकेला 2023 के लिए 50 दिन शेष रहे हैं. दुनिया के सबसे पसंदीदा हॉकी स्टेडियम में उड़ीसा का स्थान शामिल है. जिसमें राउरकेला और भुवनेश्वर के स्टेडियम भारत के नहीं दुनिया के बेहतरीन स्थान में शामिल है. भारतीय टीम उड़ीसा विश्वकप के लिए अपनी बेहतरीन तैयारी कर रही है. साथ ही यह हॉकी दर्शकों और फैन्स के लिए भारत के ऐतिहासिक विश्वकप टूर्नामेंट्स से यादों को ताजा करने का समय हैं. ऐसे में दिग्गज खिलाड़ी वीरेन रसकिन्हा ने यादें ताजा की.
भारतीय खिलाड़ी वीरेन रसकिन्हा ने याद की ताजें
साल 2002 के एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता और भारतीय टीम में मुख्य भूमिका निभाने वाले दिग्गज वीरेन रसकिन्हा जो 2006 के विश्वकप अभियान का हिस्सा थे उन्होंने अपनी यादों को ताजा किया है. भारतीय हॉकी के सबसे फेमस खिलाड़ियों में शामिल रसकिन्हा जिन्होंने होबार्ट में 2001 के जूनियर विश्वकप में गोल्ड मेडल जीता था और पांच बाद अपने बचपन के सपने क पूरा करने के लिए जर्मनी में 2006 के विश्वकप में भारतीय टीम के सदस्य थे.
अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक भारतीय जर्सी रैंक को लेते हुए रसकिन्हा ने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ तीव्र लड़ाई को भी याद किया.
उन्होंने आपने यादों को ताजा करते हुए कहा कि, ‘किसी भी युवा के लिए जो मेरे ही जैसे हॉकी का फैन है उसके लिए ओलम्पिक और विश्वकप में खेलने का अवसर मिलता है. और उसका यही सपना होता है कि वो इसमें खेले. और जब विश्वकप के लिए टीम के हिस्से के रूप में आपके नाम की घोषणा की गयी तो यह मेरे लिए सब कुछ सपने जैसा था.’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘मुझे पता है कि यह मेरे घर वालों के लिए बहुत सम्मान की बात है मेरे पिता के लिए विशेष रूप से यह बहुत सम्मान की बात थी. वह हॉकी के बहुत बड़े फैन हैं. सब कुछ हॉकी में मैंने बहुत मेहनत से और इतने सालों से पाया है.’