भारतीय खेल हॉकी खिलाड़ियों का क्रेज भारत में काफी ज्यादा है.
इतना ही नहीं अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी भारत के लिए पदक जीतने के लिए जी-जान लगा देते है. लेकिन इसके बाद भी सरकार की तरफ से खिलाड़ियों का सम्मान नहीं किया जाता तो उन्हें चोट पहुंचती है.
ऐसा ही कुछ नजारा अभी पंजाब में देखने को मिला है.
ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई है
कि उन्हें अभी तक सरकार की तरफ से पोस्टिंग लैटर नहीं मिला है.
उन्होंने आगे कहा कि कभी नहीं सोचा था कि ओलिंपिक में देश का सिर गर्व से ऊंचा करने पर सरकार वादा कर चली जाएगी
भारतीय हॉकी खिलाड़ियों की उम्मीद
और उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह जाएगी. यह बात ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा रहें
हॉकी खिलाड़ी हार्दिक सिंह, वरुण कुमार, हरमनप्रीत सिंह, शमशेर और दिलजीत ने चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में कही है.
उन्होंने आगे कहा है कि सरकार के वादे से अब उनकी उम्मीदें टूटी हुई दिखाई दे रही है.
हर दिन मैडल का कलर बदल रहा है लेकिन ऑफर लेटर देने वाली सरकार नौकरियों के नियुक्ति पत्र नहीं दे रही हैं.
खिलाडियों ने आगे कहा कि ओलिंपिक में पंजाब के 11 खिलाड़ी थे जब टीम कांस्य पदक जीती तो नकद पुरस्कार और नौकरियों का वादा किया गया था.
चार खिलाड़ियों को पीसीएस और बाकी को पीपीएस नौकरी देने की बात कही गई थी
और ऑफर लीटर भी दिया गया था. मगर इन खिलाड़ियों को आज भी नौकरी का इन्तेजार है.
भले ही वह अलग-अलग विभाग में तैनात हैं लेकिन वह पंजाब सरकार की नौकरियां नहीं है.
भारतीय हॉकी खिलाड़ियों और सरकार में कशमकश
खबरों की माने तो पंजाब सरकार 25 अगस्त को चंडीगढ़ में खिलाड़ियों से मिलने के लिए कार्यक्रम कर रही है
और 27 अगस्त से ही हॉकी वर्ल्ड कप के लिए नेशनल कैंप शुरू होने जा रहा है.
अब ये तो सरकार पर ही निर्भर करता है कि पंजाब सरकार खिलाड़ियों की गुहार को सुनती है
या फिर मीटिंग के बाद भी खिलाड़ियों को खाली हाथ कैंप की ओर जाना पड़ेगा.