भारत के हॉकी इतिहास में महिलाओं ने भी अपना वजूद बनाए रखा था. ऐसे में बेगम कुदसिया ऐजाज रसूल का नाम भी हॉकी के इतिहास में बड़े गर्व से लिया जाता है. ये कोई हॉकी खिलाड़ी नहीं थी लेकिन इनका काम हॉकी के लिए काफी सराहनीय रहा है. बता दें ऐजाज रसूल का पाकिस्तान की रहने वाली थी लेकिन वह बाद में भारत के यूपी में आकर रहने लगी थी. वह पहली मुस्लिम महिला थी जो भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी में थी.
पहली मुस्लिम महिला रसूल ने दिए थे हॉकी को बीस साल
2 अप्रैल 1909 में लाहौर में पैदा हुई ऐजाज बेगम सबसे पहले संविधान सभा से जुड़ी थी. रसूल बेगम ने बीस वर्षों तक भारतीय महिला हॉकी के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया था. इसके साथ ही उन्होंने एशियाई महिला हॉकी महासंघ की अध्यक्ष भी रही थी. बता दें यूपे में आने के बाद उन्होंने साल 1929 में यूपी के अवध के हरदोई जिले में संडीला के जमींदार एजाज रसूल से शादी की थी. इसके साथ ही उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर मुस्लिम लीग के लिए काम किया था.
साल 1937 में चुनावों में बेगम उन कुछ महिला उम्मीदवारों में से एक थी जिन्होंने चुनाव लड़ा और यूपी विधानसभा के लिए चुनी गई थी. इसके बाद वह संविधान सभा में भी वह एकमात्र मुस्लिम महिला थी. उनका चुनावी करियर भी शानदार रहा था. उन्होंने राज्यसभा में भी काम किया था. इसके बाद उन्होंने विधानसभा में साल 1969 से 1989 तक बीस सालों तक काम किया था. इतना ही नहीं साल 2000 में उन्हें सामजिक कार्यों में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.
बता दें बेगम रसूल ने बीस सालों का योगदान भारतीय महिला हॉकी को दिया था. इसमें उन्होंने महिला हॉकी को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम किया था. उन्होंने एशियाई हॉकी संघ में भी अपना जबरदस्त काम किया था. उनका निधन 92 साल की उम्र में लखनऊ में निधन हो गया था.