Norway Chess : शतरंज की दुनिया में 12वें नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट का पांचवां राउंड एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस राउंड के दौरान भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञानंदधा ने यूएसए के फैबियानो कारूआना को हराकर बड़ी जीत हासिल की। इस जीत ने प्रज्ञानंदधा को लाइव वर्ल्ड शतरंज रेटिंग के शीर्ष 10 में पहुंचा दिया।
Norway Chess में प्रज्ञानंदधा की रणनीति
प्रज्ञानंदधा की जीत सिर्फ किस्मत का खेल नहीं थी। उन्होंने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया, खासकर एंडगेम में, जो शतरंज के मैच का अंतिम चरण होता है। खेल एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गया जहां दोनों खिलाड़ियों के पास घोड़े थे, लेकिन प्रज्ञानंदधा ने बढ़त बनाने में कामयाबी हासिल की। यह स्थिति दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन की खेल शैली की याद दिलाती है, जो बराबरी की स्थिति से जीतने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। जब दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी कारूआना ने गलतियां कीं, तो प्रज्ञानंदधा ने इसका पूरा फायदा उठाया और अपनी जीत सुनिश्चित की।
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यह जीत विशेष रूप से उल्लेखनीय थी क्योंकि यह प्रज्ञानंदधा के लिए मात्र तीन दिनों में दूसरी बड़ी जीत थी। इससे पहले, उन्होंने क्लासिकल गेम में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को भी हराया था। इतने कम समय में शीर्ष दो खिलाड़ियों को हराना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो शतरंज की दुनिया में प्रज्ञानंदधा की बढ़ती हुई ताकत को दर्शाता है।
Norway Chess में अन्य प्रमुख मैच
पांचवां राउंड रोमांच और महत्वपूर्ण मैचों से भरा हुआ था। मैग्नस कार्लसन ने फ्रांस के अलीरेजा फिरौजा के खिलाफ खेला। पिछले साल इसी टूर्नामेंट में उनका पिछला मुकाबला ड्रॉ रहा था, जिसमें कार्लसन ने आर्मगेडन में जीत हासिल की थी, जो एक टाई-ब्रेक फॉर्मेट है। अपने नवीनतम मैच में, कार्लसन ने एक बार फिर अपने एंडगेम विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। दुर्भाग्य से, फिरौजा ने रूक एंडगेम में एक गंभीर गलती की, जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कार्लसन की ऐसी गलतियों का फायदा उठाने की क्षमता उनके स्थायी कौशल और रणनीतिक गहराई का प्रमाण है।
हिकारू नाकामुरा का उदय
Norway Chess में एक और उल्लेखनीय मैच में यूएसए के हिकारू नाकामुरा और चीन के मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन शामिल थे। नाकामुरा विजयी हुए, जिससे वे लाइव वर्ल्ड रेटिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच गए। यह मैच विशेष रूप से दिलचस्प था क्योंकि उनका आखिरी क्लासिकल मुकाबला FIDE कैंडिडेट्स 2022 में हुआ था, जहां डिंग लिरेन ने जीत हासिल की थी, जिससे विश्व चैंपियन बनने का उनका रास्ता सुरक्षित हो गया था। हालांकि, नाकामुरा का मौजूदा फॉर्म और दृढ़ संकल्प इस बार डिंग लिरेन के लिए बहुत मजबूत साबित हुआ।
विस्तृत गेम विश्लेषण
कार्लसन बनाम फ़िरोज़ा: अपने खेल में, फ़िरोज़ा ने काले मोहरों के साथ बर्लिन डिफेंस को चुना, जिसके कारण रूक और कुछ प्यादों के साथ एक सूखा एंडगेम हुआ। आदर्श रूप से, इसका परिणाम ड्रॉ होना चाहिए था। हालांकि, एंडगेम में रूक को बदलने का फ़िरोज़ा का निर्णय एक गलती साबित हुआ। लगातार चेक के माध्यम से ड्रॉ को मजबूर करने और बनाए रखने के बजाय, फ़िरोज़ा ने कार्लसन को निर्णायक लाभ हासिल करने दिया, जिससे युवा फ्रांसीसी खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ा।
नाकामुरा बनाम डिंग लिरेन: इस मैच में नाकामुरा ने विश्व चैंपियन को आत्मविश्वास से हराया। उनका पिछला मुकाबला नाकामुरा के लिए अनुकूल नहीं रहा था, लेकिन इस बार उन्होंने पासा पलट दिया। विश्व चैंपियन बनने के बाद से डिंग लिरेन का फॉर्म असंगत रहा है, और नाकामुरा इसका फायदा उठाने में सक्षम थे, जिससे उन्हें एक महत्वपूर्ण जीत मिली।
निष्कर्ष।Conclusion
12वें नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट (Norway Chess) का पाँचवाँ दौर शतरंज की विश्व रैंकिंग में उच्च नाटक और महत्वपूर्ण बदलावों का दिन था। प्रग्गनानंद की कारुआना पर प्रभावशाली जीत ने दुनिया के शीर्ष 10 में उनकी प्रविष्टि को चिह्नित किया, जो एक नए शतरंज सितारे के उदय का संकेत था। इस बीच, डिंग लिरेन पर हिकारू नाकामुरा की जीत और फिरोजा के खिलाफ मैग्नस कार्लसन के स्थिर प्रदर्शन ने शीर्ष-स्तरीय शतरंज की गतिशील प्रकृति को और रेखांकित किया। इन मैचों ने न केवल रोमांचक मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय शतरंज के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को भी नया रूप दिया।
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