शतरंज की दुनिया में पुरुषों ने काफी नाम कमाया है पर महिलाएं भी हमेशा पुरुषों को टक्कर देने में
कभी भी पीछे नहीं रहती है आज हम आपको उस महिला के बारे में बताने जा रहे है जो विश्व की
सबसे पहली महिला ग्रंड्मास्टर बनी थी | इनका नाम है नोना गैप्रिंडाशविली जो की शतरंज की
एक soviet और georgian खिलाड़ी है , साल 1978 में नोना ने fide ग्रंड्मास्टर का खिताब हासिल किया था ,
इसी के साथ ही वो विश्व की पाँचवी वर्ल्ड चैम्पीयन भी है |
जब नॉन 20 वर्ष की थी तब साल 1961 में उन्होंने women’s Candidates Tournament जीता था
और उस समय की वर्ल्ड चैम्पीयन Elisaveta Bykova के खिलाफ एक टाइटल मैच रख दिया था
और वो Bykova से वो मैच 9-2 के अंक के साथ आसानी से जीत भी गई थी इसके बाद नॉन ने अपना
टाइटल चार बार defend भी किया जिनमें से तीन बार Alla Kushnir के खिलाफ था और एक बार
Nana Alexandria के खिलाफ |
नोना ने आखिरकार अपना टाइटल 1978 में 17 वर्षीय Maia Chiburdanidze के खिलाफ 9/4 के
स्कोर से गवा दिया था , नोना ने soviet यूनियन के लिए 1963,1966,1969,1972, 1974, 1978, 1980,
1982, 1984, 1986, 1990 में Women’s Chess Olympiad भी खेले जिनमें से उन्होंने 5 जीते भी है |
बता दे की गैप्रिंडाशविली ने अपने करियर के दौरान 25 medals जीते है और 11 टीम गोल्ड मेडल्स , साल
1986 में दुबई olympiad में उन्होंने 10 games खेली थी और वो सारी की सारी जीती भी थी | अपने करियर
के दौरान गैप्रिंडाशविली ने पुरुषों के टूर्नामेंट में भी भाग लिया और 1963 में Hastings Challengers
tournament में जीत भी हासिल की | 1978 में जब वो ग्रंड्मास्टर का टाइटल जीतने वाली पहली महिला
बनी थी तो ये सिर्फ उन्हीं के लिए नहीं बल्कि शतरंज खेलने वाली सभी महिलाओं के लिए गर्व की बात की थी |
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