टोक्यो ओलम्पिक और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारतीय हॉकी टीमें एक बार फिर खुद को तराशने के लिए राष्ट्रीय लेवल के टूर्नामेंट में भाग ले रही है. गुजरात के राजकोट में हो रहे 36 वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन धूमधाम से शुरु हो चुका है. और राजकोट के ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम में रविवार से शुरू हें खेलों में कई युवा प्रतिभाओं के भी पहुंचने का विश्वास है. कईं नई प्रतिभाएं इस खेल के माध्यम से देश में छाने को तैयार है और उसी के साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन हो सके इसके लिए खुद को इस टूर्नामेंट में तैयार करेगी.
युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर रहेगी नजर
इन राष्ट्रीय खेलों में केवल शीर्ष आठ टीमें ही भाग ले रही है तो इससे पता लगता है कि प्रतियोगिता का लेवल कितना उच्च होने वाला है. हर टीम अपना पूरा प्रयास करेगी कि वो यह प्रतियोगिता जीते और देश में अपना नाम रोशन करें. क्योंकि युवाओं के लिए यही एक सुनहरा अवसर होता है जब वह अपने खेल से राष्ट्रीय स्तर पर आने का मौका ढूंढते हैं. टीमें जीत के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देगी और राष्ट्रीय कैम्पों को राष्ट्रीय खेलों में अपनी-अपनी टीमों से खेलने का आग्रह करेगी.
हरियाण जो कि मौजूदा पुरुष वर्ग की चैंपियन है तो वहीं तमिलनाडु की टीम उपविजेता रही है. साथ ही महाराष्ट और कर्नाटक की टीमें भी श्रेष्ठ वरीयता रखती है. हालांकि उत्तरप्रदेश और झारखण्ड भी इस खेल में दक्ष होने के साथ एक बेहतरीन टीम रखते हैं. इसी के साथ डिफेंडिंग चैंपियन पंजाब इस बार इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई है.
वहीं उड़ीसा के लिए बड़ी चुनौती है कि जिसने साल की शुरुआत में पहला सीनियर महिला खिताब जीता था वो अपनी ले को बरकरार रखे और इस टूर्नामेंट को भी जीतकर खिताब अपनी झोली में डाले. वहीं महिला हॉकी में गल चैंपियन हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और झारखंड अपना मजबूत पक्ष रखती है और इस टूर्नामेंट को जीतने का माद्दा रखती हैं.
आठ टीमें राष्ट्रीय खेलों में कर रही शिरकत
टूर्नामेंट के प्रारूप कि बात करें तो लीग में रहने के बावजूद सभी आठ टीमें नॉकआउट क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी.