विश्व शतरंज चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे नैनी जेल के कैदी: कहते हैं अगर आप में हुनर है तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। खासकर अगर आप किसी खेल में रुचि रखते हैं और उसी दिशा मेें कुछ करना चहाते हैं। और उस खेल के प्रति आप अगर जुनूनी है तो आपको उस खेल में सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थिति नैनी जेल के कैदी विश्व शतरंज चैंपियनशिप भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे जोकी एक तरह से कैदियों के कोच हैं। उन्होंने अपने कैदियों को चेस की पूरी ट्रेनिंग दी है। अब उनके सिखाए हुए शतरंजबाज भारत का अंतरराष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में नाम रौशन करेंगे।
World Chess Championship Tournament में नैनी और पुणे सेंट्रल जेल देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
विश्व शतरंज चैंपियनशिप में इतने खिलाड़ी लें रहे हैं भाग
नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक पी.एन. पांडे ने कहा कि वैश्विक आयोजन में 42 देशों की 85 टीमें भाग ले रही हैं।
टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में 20 जेलों के कैदियों को एक-दूसरे के खिलाफ खिलाया गया था। उसके बाद 2 कैदियों का चयन किया गया।
आपको बता दें की प्रयागराज जिले के नैनी सेंट्रेल जेल की टीम और पूणें की टीम ऑस्ट्रेलियाई समेत कई देशों की जेलों के कैदियों के साथ 2-2 हाथ करेंगे।
नैनी टीम में राजेश गौड़, वकील अहमद, नितेश कुमार, मोहम्मद उमर, सच्चिदानंद, चंद्र मोहन, धर्मराज यादव और शालू सोनकर शामिल हैं।
नैना सेंट्रल जेल के अधिकारी ने कहा कि चेस इस विश्व शतंरज चैंपियनशिप को लेकर कैदियों के प्रशिक्षण के लिए ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्तकर्ता अभिजीत कुंटे से प्रशिक्षण देने के लिए अनुरोध किया गया था। उन्होंनें कैदियों को चेस की एक एक चाल कैसे चले सब कुछ सिखाया है।
कुंटे ने कहा, “कैदियों में आत्मविश्वास भरा है। जेल से रिहा होने के बाद उनकी भागीदारी से उन्हें समाज में फिर से प्रवेश करने में मदद मिलेगी।”
अब तक देश भर की 40 जेलों के 1,800 कैदियों को खेलों का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। नैनी सेंट्रल जेल के कैदियों के लिए गर्वानित करने वाला पल है।
ये मायने नहीं रखता है कि आप किस स्थिति में हैं अगर आपके अंदर जुनून है तो भगवान आपको मौका जरूर देता है।