भारत देश गुरु-शिष्य परम्परा का धनी रहा है. ऐसे में जो गुरु द्वारा सिखाया जाता है वही शिष्य ग्रहण करता है. और भारत में शिक्षक सिर्फ किताबी शिक्षा नहीं देता है बल्कि वह आने शिष्य को सबसे अलग बनाने के लिए प्रेरित रहता है. ऐसे में राजस्थान के नागौर में एक शिक्षक ऐसे ही है जो अपने विद्यार्थियों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं बल्कि उनक सर्वांगीण विकास कर रहे हैं. नागौर जिले के डेला की ढाणी में रहने वाले शारीरिक शिक्षक घासीराम गुर्जर जो काम कर रहे है इससे उनका सब जगह चर्चा हो रही है.
नागौर के घासीराम कर रहे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित
उन्होंने ढाणी में अपनी मेहनत के दम पर ही अब तक 70 से अधिक हॉकी खिलाड़ियों को तैयार कर दिया है. जिस गांव में पहले हॉकी के बारे में कोई कुछ नहीं जानता था वहां अब तक कई हॉकी प्लेयर तैयार हो चुके है. और अब हर बच्चे के पास हॉकी स्टिक मिलेगी और वह बच्चें खेलते मिलेंगे.
बता दें डेला के ढाणी में स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में घासीराम गुर्जर शारीरिक शिक्षक के रूप में कार्यरत है. उन्होंने इस गांव में हॉकी का काफी जादू चलाया है और इसके चलते ही यहाँ पर मौजूद 70 से ज्यादा बच्चे हॉकी के बारीक गुर सीख चुके हैं. इतना ही नहीं यहाँ के कई बच्चों का नेशनल लेवल पर भी चयन हो चुका है.
वहीं शारीरिक शिक्षक घासीराम गुर्जर ने बताया कि जब यहां पर मेरी पोस्टिंग हुई थी तो बच्चों को इस खेल के बारे में जानकारी नहीं थी. लेकिन मैंने इस खेल में रुझान बढ़ाने के लिए 25 हजार रुपए खर्च कर खेल समग्री इकट्ठी की थी. और बच्चों में बांटने के बाद उनमें खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाई थी. उसके बाद खेल को आगे बढ़ाने के लिए भामाशाह और दानदाताओं ने सहयोग किया था.’
बता दें खेलों के प्रसार से डेला के ढाणी में युवाओं का खेल के प्रति नजरिया बदल चुका है. अब पूरे क्षेत्र में हॉकी का जादू चल रहा है. और हॉकी के प्रसार के लिए घासीराम निःशुल्क ही बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. विद्यालय समय पूरा होने के बाद भी घासीराम बच्चों को हॉकी के बारे में सीखाते रहते हैं.